क्रिकेटर ऋषभ पंत को मौत के मुंह से बचाने वाले ड्राइवर-कंडक्टर किए गए सम्मानित

पानीपत। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी ऋषभ पंत रुड़की के पास सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। हरियाणा रोडवेज के पानीपत डिपो के चालक व परिचालक ने मौके पर समझदारी दिखाते हुए ऋषभ पंत की जान बचाई। उन्होंने ऋषभ को कार से बाहर निकाला और उसको अस्पताल में भिजवाया। इस सराहनीय काम के लिए इन दोनों लोगों को पानीपत डिपो ने सम्मानित किया है। प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने भी दोनों की जानकारी मंगवाई है, वह भी इन्हें सम्मानित करेंगे। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने भी ऐलान किया है कि वह भी दोनों लोगों को सम्मानित करेगी। सरकार ने कहा है कि दोनों ने मानवता के लिए सराहनीय काम किया है, उनका सम्मान जरूर होना चाहिए।

पानीपत रोडवेज जीएम कुलदीप जागड़ा ने चालक सुशील कुमार व परिचालक परमजीत को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा, ‘सुशील और परमजीत ने एक घायल आदमी को बचाकर अच्छा काम किया है। उन्हें बाद में पता चला था कि वह क्रिकेटर ऋषभ पंत है, हमें उन पर गर्व है। चालक सुशील कुमार ने बताया कि वो हरिद्वार से 4.25 बजे चले थे। वो 5.20 पर रुड़की के पास पहुंचे थे। उनकी बस से महज 100 मीटर दूर एक कार रेलिंग तोड़ते हुए उनकी लेन में आई। गाड़ी तीन बार पलटी। बस 100 मीटर दूर थी। सवारियां चिल्ला रही थी। तुरंत चालक साइड में बस को मोड़ दिया।

दिल्ली साइड की रेलिंग तोड़ते हुए गाड़ी ने तीन पलटे खाए। बस रोककर वो दोनों बस से नीचे कूदे। ऋषभ पंत कार से आधे बाहर लटक रहे थे। उन्होंने फुटपाथ पर ऋषभ को लेटा दिया। वो बेसुध था। उन्होंने कार की जांच की। कार में आग लगना शुरू हो गई। इसी वक्त ऋषभ पंत को हल्का होश आया।

बस कंडक्टर परमजीत ने कहा, ‘जैसे ही हमने उसे (ऋषभ पंत) को बाहर निकाला, उसके 5-7 सेकंड बाद ही कार में आग लग गई और वह जलकर खाक हो गई। उनकी पीठ पर काफी चोटें आई थी। इसके बाद जब हमने उनसे पूछा कि वह कौन हैं, तब उन्होंने बताया कि वह क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं।’ इस बयान से साफ है कि यदि 5-7 सेकंड की देरी होती, तो कुछ भी अनहोनी होने की आशंका थी।

उन्होंने ऋषभ पंत से पूछा कि कार में और तो कोई नहीं है। तो उन्होंने मना करते किया। फिर ऋषभ पंत ने पानी मांगा। उन्होंने पहले पानी देने से मना कर दिया था। क्योंकि उस वक्त पानी देना सही नहीं था। ऋषभ ने उनसे काफी रिक्वेस्ट की। फिर उन्होंने पानी दिया। ऋषभ ने उन्हें कहा कि एंबुलेंस को बुला दो। 

मां से बात कराने की कही बात
ऋषभ ने कहा कि उसकी मम्मी से बात करवा दो। ऋषभ की मां का फोन स्विच ऑफ मिला। वो उसने दूसरी साइड ले गए। 15 मिनट के बाद एंबुलेंस आ गई। उन्होंने एंबुलेंस में उसे बैठा दिया। ऋषभ के पैसे सड़क पर ही बिखरे पड़े थे। उन्होंने सात- आठ हजार रुपये उठाकर ऋषभ के हाथ पर रख दिए। कार में एक अटैची थी। उन्होंने अटैची भी एंबुलेंस में डाल दी थी।

नींद की झपकी आई और कार डिवाइडर से टकरा गई
ऋषभ पंत का यह एक्सीडेंट रूड़की के पास गुरुकुल नारसन एरिया में हुआ था। पंत खुद ही कार चला रहे थे। हादसे के बाद पंत ने बताया था कि ड्राइविंग के दौरान उन्हें नींद की झपकी आई और कार डिवाइडर से टकराकर दुर्घटना ग्रस्त हो गई।

हादसे के बाद पंत की प्रतिक्रिया क्या थी?
पंत को अस्पताल में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज निकालकर कार के विजुअल दिखाए। इस पर पंत ने कहा- बस, बच गया मैं तो। पंत ने यह भी कहा कि वे मां को सरप्राइज देने जा रहे थे। अस्पताल आने के बाद जब उनकी मां को यह बताया गया तो उन्होंने भी कहा- हां, ऋषभ ऐसे ही करता है। मुझे सरप्राइज देते रहता है।

फिलहाल ऋषभ पंत का देहरादून के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया गया है कि पंत को सबसे ज्यादा चोटें सिर और पैर में आई हैं। इसी के चलते उनके ब्रेन और स्पाइन का MRI स्कैन भी कराया गया था। जिसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। इस रिपोर्ट ने फैन्स और खुद पंत को बड़ी राहत दी है। रिपोर्ट नॉर्मल आई है।

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