तिरुवनंतपुरम। केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के खिलाफ एनआईए छापेमारी कर रहा है। एनआईए केरल में 56 जगहों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया कर रहा है। पीएफआई को इस साल सितंबर में गृह मंत्रालय ने पांच सालों के लिए बैन कर दिया था।
पीएफआई पर लगे बैन के बाद से ही एनआईए की नजरें इसको लेकर चौकन्नी हैं। बीते महीनों पहले एक बार एनआईए ने ऐसी ही बड़ी कार्रवाई कर पीएफआई के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। पीएफआई पर सितंबर महीने में आईएसआईएस जैसे आतंकवादी समूहों से रिश्तों की बात सामने आई थी। जिसके बाद पीएफआई और इससे जुड़े करीब आठ सहयोगी संगठनों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया था।
बताया जा रहा है कि पीएफआई के लोग दोबारा से संगठन को अमल में लाने की कोशिशें कर रहे थे। जिसके लिए ये लोग संगठन को नए नाम से पुनर्जीवित करना चाह रहे थे। इसी बात की भनक खुफिया इनपुट के जरिए एनआईए को पता चल गई। जिसके बाद एनआईए की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए एनार्कुलम और तिरुवनंतपुरम स्थित पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
एनआईए द्वारा आज का एक्शन पीएफआई कैडर में शामिल उन लोगों पर लिया जा रहा है, जिन पर कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और संजीथ (केरल, नवंबर 2021), वी-रामलिंगम (तमिलनाडु, 2019), नंदू (केरल, 2021), अभिमन्यु (केरल, 2018), बीबिन (केरल, 2017), शरथ (कामाटक, 2017), आर रुद्रेश ( कामटक, 2016), प्रवीण पुयारी (कर्नाटक, 2016), और शशि कुमार (तमिलनाडु, 2016) सहित कई व्यक्तियों की हत्या का आरोप है।
बता दें पीएफआई का गठन 2006 में केरल में हुआ था और इसने 2009 में एक राजनीतिक मोर्चा – सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया – भी बनाया था। केरल में स्थापित इस कट्टरपंथी संगठन, जिसने बाद में देश के विभिन्न हिस्सों में अपना जाल फैलाया, को केंद्र सरकार ने इसी साल सितंबर में प्रतिबंधित कर दिया था।
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