‘अगर मेरी बहन और माएं नहीं पढ़ सकतीं…..’, प्रोफेसर ने टीवी शो में फाड़ी डिग्रियां

काबुल। अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने पूरे देश में लड़कियों की पढ़ाई पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब अफगान लड़कियां पढ़ने के लिए यूनिवर्सिटी नहीं जा सकती है। तालिबान के इस फैसले के खिलाफ पूरे अफगानिस्तान की महिलाओं में जहां गुस्सा है, वहीं देश के कई जमातों से उन्हें समर्थन भी मिल रहा है।

अफगान रिसेटलमेंट प्रोग्राम की पूर्व पॉलिसी एडवाइजर शबनम नसीमी ने अपने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जो एक टीवी प्रोग्राम का है। इस टीवी प्रोग्राम में एक प्रोफेसर को महिलाओं की शिक्षा पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ जोरदार आवाज रखते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में देखा जा सकता है, कि प्रोफेसर पहले अपनी डिग्रियां कैमरे के सामने दिखाते हैं और फिर उन्हें फाड़ देते हैं। प्रोफेसर वीडियो में कहते हैं, कि “आज से मुझे इन डिप्लोमा की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस देश में शिक्षा के लिए कोई जगह नहीं है। अगर मेरी बहन और मेरी मां नहीं पढ़ सकती हैं, तो मैं इस शिक्षा को स्वीकार नहीं करता।” इतना कहकर प्रोफेसर ने अपनी डिग्री को फाड़ दिया।

छात्रों ने भी किया है समर्थन
अफगानिस्तान के छात्र भी लगातार महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने पर लगाए गये प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पिछले हफ्ते अफगानिस्तान के नांगरहार विश्वविद्यालय के पुरुष छात्र अपनी महिला साथियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए परीक्षा हॉल से बाहर निकल आए। विश्वविद्यालयों द्वारा महिला छात्रों को कक्षाओं में प्रवेश करने से रोकने के वीडियो भी इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहे हैं। छात्रों ने जहां पिछले हफ्ते परीक्षा का बहिष्कार कर दिया, वहीं छात्रों का साथ देने के लिए विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों ने भी इस्तीफा दे दिया। करीब 10 सालों तक विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले प्रोफेसर ओबैदुल्ला वारदक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

आपको बता दें कि पिछले मंगलवार को तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी, कि अफगानिस्तान की महिलाओं को तत्काल प्रभाव से शिक्षा हासिल करने की अनुमति खत्म की जाती है और अब देश में महिलाएं पढ़ाई नहीं कर सकती हैं।

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