नई दिल्ली। एनडीटीवी में अडानी की एंट्री के बाद अपने पद से इस्तीफा देने वाले रवीश कुमार ने एक और इंटरव्यू दिया है बीबीसी को दिये इंटरव्यू में उन्होने बरखा दत्त की खिंचाई की।
एनडीटीवी में अडानी की एंट्री के बाद बरखा दत्त ने ट्वीट किया था कि, ‘मैं कन्फ्यूज हूं कि जब एनडीटीवी में मुकेश अंबानी की 30 फीसदी हिस्सेदारी थी, तब सब फ्री था। और अब अडानी ने खरीद लिया तो हायतौबा मच गई। ऐसा क्यों?।’ रवीश, बरखा दत्त के इसी ट्वीट पर जवाब दिया।
बीबीसी हिंदी को दिए इंटरव्यू में रवीश ने कहा कि मैं खुंदक में कोई बात नहीं कहना चाहता, जिससे उन्हें ठेस पहुंचे, लेकिन मुझे ध्यान है कि एक बार एनडीटीवी में रहते हुए उन्हें चक्कर आ गया था। मैंने देखा कि डॉ. प्रणव रॉय उनके तलवे रगड़ रहे थे ताकि उनकी तबीयत ठीक हो जाए। यह मेरी आंखों से देखा हुआ वाकया है। उन दिनों तो वो वहां मैनेजिंग एडिटर थीं, वही बता सकती हैं कि तब वहां क्या होता था।
क्या राजनीति ज्वाइन करेंगे रवीश कुमार?
रवीश कुमार से जब यह पूछा गया कि क्या किसी विपक्षी पार्टी ने आपसे कभी संपर्क किया है या चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है, तो उन्होंने इंकार कर दिया। रवीश ने कहा कि मेरे दोस्त और शुभचिंतक कहते रहते हैं कि राजनीति में आना चाहिए। आप कल्पना करिए कि मैं लोकसभा में हूं और मेरे सामने वो हों….लोकसभा तो कोई नहीं खरीद सकता न…। लेकिन काम वही करना चाहिए जो आपके सपने में आए, मेरे सपने में अभी भी टीवी आता है।
क्यों नहीं बेचे NDTV के अपने शेयर?
रवीश कुमार ने बताया कि मेरे पास भी एनडीटीवी के कुछ शेयर थे लेकिन मैंने अपने शेयर नहीं बेचे। अगर उस वक्त बेच देता तो शायद कुछ फायदा ही होता। सिर्फ इसलिए नहीं बेचा कि डॉक्टर रॉय को कहीं बुरा न लग जाए। एक चिट्ठी छांटने वाले को उन्होंने इतना बड़ा मौका दिया था, और उसके पास एक मौका आया तो पैसा गिनने लगा।
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