कीर्ति आजाद ने पीएम मोदी के पहनावे पर की गई टिप्पणी के लिए मांगी माफी

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कीर्ति आजाद ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहनावे पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के लोगों का सम्मान किया है।

कीर्ति ने कहा कि मेरे हालिया ट्वीट को गलत समझा गया। इससे जिन लोगों की भावनाएं आहत हुईं। मैं उनसे माफी मांगता हूं। मुझे हमारी विविध संस्कृतियों के लिए बहुत सम्मान और गर्व है। मेरी अनजाने में की गई टिप्पणी से हुई पीड़ा के लिए मुझे खेद है। मैं अपने संवैधानिक मूल्यों को हमेशा बनाए रखने के लिए काम करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराता हूं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने हमेशा विभिन्न सांस्कृतिक और जातीय पृष्ठभूमि के लोगों का सम्मान किया है और मैं तहे दिल से उन मूल्यों का समर्थन करता हूं जिनका हमारे नेता पालन करते हैं। टीएमसी नेता ने कहा कि उन्होंने हमेशा संविधान में निर्धारित मार्ग का पालन किया है।

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के एक सिपाही के रूप में मैंने हमेशा हमारे संविधान द्वारा निर्धारित मार्ग का पालन किया है, जो हमारी विविधता का सम्मान और सम्मान करने का आह्वान करता है। जो कुछ भी उस मार्ग से जाने-अनजाने में पीछे हटने जैसा प्रतीत होता है, वह बिल्कुल खेदजनक है।

दरअसल पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने मेघालय के पारंपरिक आदिवासी पोशाक में पीएम मोदी की एक तस्वीर पोस्ट की और इसकी तुलना महिलाओं की पोशाक से की। उनकी टिप्पणी के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने टीएमसी नेता पर जमकर निशाना साधा और उन पर मेघालय की संस्कृति का अपमान करने और राज्य के आदिवासी पहनावे का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया।

आजाद के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में कार्रवाई की मांग
आजाद के तंज का भाजपा के राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने भी विरोध किया था। उन्होंने कहा कि अगर तृणमूल नेता को कोई जानकारी नहीं है, तो उन्हें पहले यह समझना चाहिए कि यह एक आदिवासी पोशाक थी, जिसे पीएम मोदी ने शिलांग यात्रा के वक्त पहना था। उधर, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने ट्वीट किया, ‘आप इस आदिवासी पोशाक का अपमान कर रहे हैं। आप और आपकी पार्टी का आदिवासियों के प्रति नफरत का इतिहास है।’ मोर्चे ने आजाद के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार कानून के तहत केस दर्ज करने की मांग की थी। 

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