ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और पति दीपक गिरफ्तार, लोन फ्रॉड केस में CBI की कार्रवाई

नई दिल्ली। सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ रही चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया है। वर्ष 2012 में आइसीआइसीआइ बैंक द्वारा वीडियोकान समूह को ऋण देने में की गई धोखाधड़ी और अनियमितता के सिलसिले में सीबीआइ ने यह कार्रवाई की है। चंदा कोचर पर अपने पति को आर्थिक फ़ायदा पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था।

बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि कोचर परिवार को एजेंसी हेडक्वार्टर बुलाया गया था और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। CBI ने आरोप लगाया कि वे अपने जवाबों में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। कोचर को शनिवार को CBI की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकोन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। चंदा उस कमेटी का हिस्सा रहीं थीं, जिसने 26 अगस्त 2009 को बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपये और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी थी। कमेटी का इस फैसले ने बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी का उल्लंघन किया था।

आरोप है कि वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी, जिसमें दोनों के बीच 3250 करोड़ की ‘स्वीट डील’ हुई थी। आरोप है कि 3250 करोड़ का लोन दिलाने में चंदा कोचर ने मदद की लेकिन इस लोन का 86 प्रतिशत यानी लगभग 2810 करोड़ रुपये 2017 में बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया गया है।

2016 में शुरू हुई थी मामले की जांच
इस मामले की जांच 2016 में शुरू हुई थी जब दोनों फर्मों, वीडियोकॉन ग्रुप और ICICI बैंक में एक निवेशक अरविंद गुप्ता ने लोन अनियमितताओं के बारे में चिंता जताई थी। गुप्ता ने RBI और यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री को इस बारे में लिखा था, लेकिन उनकी शिकायत पर उस समय कोई ध्यान नहीं दिया गया। मार्च 2018 में एक अन्य व्हिसल-ब्लोअर ने शिकायत की।

24 जनवरी 2019 को FIR
टॉप मैनेजमेंट के खिलाफ की गई शिकायत के बाद कई एजेंसियों का ध्यान इस ओर गया। हालांकि, उसी महीने बैंक ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। वीडियोकॉन ग्रुप के लोन पास करने में चंदा की कथित भूमिका की जांच के बाद यह बयान दिया गया था। एजेंसियां अपनी जांच करती रहीं और बैंक पर बढ़ रहे प्रेशर के बाद उसने भी जांच शुरू की। इसके बाद CBI ने 24 जनवरी 2019 को FIR दर्ज की।

सीबीआइ ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकान ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकान इंटरनेशनल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड और वीडियोकान इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। जनवरी 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने कोचर परिवार की 78 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की थी।

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