लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड को मदरसों में शुक्रवार के बजाय रविवार को छुट्टी किए जाने का एक प्रस्ताव सौंपा गया है। इस पर आखिरी फैसला मदरसा बोर्ड की जनवरी में आयोजित होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ.इफ्तिखार अहमद जावेद ने बुधवार को मीडिया को बताया कि मंगलवार को ‘उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मान्यता प्रशासन एवं सेवा विनियमावली-2016’ में जरूरी संशोधन और बदलाव के सिलसिले में एक बैठक बुलाई गई थी। इसमें बोर्ड के सदस्यों और बड़ी संख्या में मदरसों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। जावेद के मुताबिक, बैठक में मदरसों में शुक्रवार के बजाय रविवार को साप्ताहिक छुट्टी किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। बहुत दिनों से मदरसों से जुड़े लोगों की ओर से ऐसी मांग भी की जा रही थी। हालांकि, बैठक में कई मदरसों के प्रतिनिधियों ने इस प्रस्ताव का विरोध भी किया। जावेद ने कहा, “इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई है। हालांकि, अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। इस पर अंतिम फैसला जनवरी में होने वाली बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा।”
मदरसा शिक्षा परिषद में रखे गए प्रस्ताव पर मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य कमर अली ने कहा की हम मदरसों में एक समानता की बात करते हैं, हम चाहते हैं कि मदरसों में भी स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई और छुट्टी हो। कमर अली ने कहा कि मदरसों में भी शुक्रवार के बजाय रविवार को छुट्टी हो हालांकि शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए 1 घंटे का समय दिया जाए। मदरसा शिक्षा परिषद ने इस प्रस्ताव को शासन के पास भेज दिया है। यूपी कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस पर मुहर लगाएंगे। इसके बाद मदरसों में भी शुक्रवार की जगह रविवार को अवकाश हो जाएगा।
टीचर्स एसोसिएशन का विरोध
टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया यूपी के महासचिव दीवान साहब जमां ने कहा कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं। इसी वजह से हमेशा से मदरसों में शुक्रवार को ही छुट्टी दी जाती रही है। अगर इस व्यवस्था को बदला जाएगा तो इसका गलत संदेश जाएगा। जमां ने बताया कि मदरसा बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में इक्का-दुक्का लोगों ने ही शुक्रवार के बजाय रविवार को साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था करने की वकालत की थी। जबकि बाकी सभी लोगों ने इसका विरोध किया था।
Discussion about this post