काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान जब सत्ता में आया था तो उसने खुद को बदलने का वादा किया था। लेकिन अब तालिबान ने खुल कर अपना असली रंग दिखा दिया है। अफगानिस्तान में लड़कियों की यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। तालिबान के हायर एजुकेशन मिनिस्टर नेदा मोहम्मद नदीम ने सभी सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को एक लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि अगला नोटिस जारी किए जाने तक यह नियम लागू रहेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने सभी विश्वविद्यालयों को एक फरमान जारी करते हुए कहा, ‘आप सभी को अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा निलंबित करने का आदेश दिया जाता है। इसे तुरंत लागू करें।’ बीबीसी से बातचीत में अफगानिस्तान की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाली एक छात्रा ने कहा- तालिबान ने उस एकमात्र पुल को नष्ट कर दिया, जो मुझे मेरे भविष्य से जोड़ता था। मुझे भरोसा है कि मैं पढ़ाई कर अपनी जिंदगी बदल सकती हूं, लेकिन तालिबान ने मेरी उम्मीदें तोड़ दीं।
तालिबान के इस आदेश के बाद संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने इस कदम को परेशान करने वाला बताया। उन्होंने कहा, ‘यह साफ तौर पर दिखाता है कि तालिबान ने अपना एक और वादा तोड़ा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमने तालिबान राज आने के बाद से देखा है कि महिलाओं की सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि सार्वजनिक क्षेत्रों की भागीदारी घटी है।’
तालिबान ने किया फैसले का बचाव
तालिबान ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि इस तरह के प्रतिबंध राष्ट्रीय हित और महिलाओं का सम्मान बनाए रखने के लिए किया गया है। तालिबान के कई अधिकारियों ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा प्रतिबंध अस्थायी हैं और इसके पीछे फंड की कमी है। तालिबान ने कहा कि फिर से नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है, जो इस्लामी तर्ज पर हो। तालिबान ने सत्ता में आने के बाद महिलाओं को रोजगार के अधिकांश क्षेत्रों से प्रतिबंधित कर दिया है। तालिबान ने महिलाओं को सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक कपड़ा पहनने का आदेश दिया है। उनके पार्क और जिम में जाने पर भी प्रतिबंध लगाया है।