नई दिल्ली। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सरकार से दो हजार रुपये के नोटों को बंद करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश एटीएम से दो हजार रुपये के नोट गायब हो गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे नोट रखने वाले नागरिकों को इसे जमा करने के लिए दो साल का समय दिया जाना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने 2018 में 500 यूरो के नोट बंद कर दिए। इसी तरह सिंगापुर ने 10 हजार के नोट को हटा लिया। इसी तरह जब भारत में 1000 का नोट बंद हो गया तो 2000 के नोट का कोई अवचित्त नहीं है। ऐसे में मेरा आग्रह है कि इस नोट को धीरे-धीरे हटा लेना चाहिए। इसके अलावा जनता को समय देना चाहिए, ताकि जिनके पास वो नोट है, वो बदल सकें। एक निश्चित समय सीमा के बाद उस नोट की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। 2000 के नोट का साफ मतलब है ब्लैकमनी।
भाजपा सांसद ने कहा कि 2,000 रुपये के नोटों की जमाखोरी की जा रही है और अक्सर अवैध व्यापार जैसे कि ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग में इसका इस्तेमाल किया जाता है। दो हजार रुपये का नोट काले धन का पर्याय बन गया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार को धीरे-धीरे 2,000 रुपये के नोट को बंद करना चाहिए। नागरिकों को 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए 2 साल का समय दिया जाना चाहिए।’
छपाई हो गई है बंद
कुछ महीने पहले 2000 के नोट को लेकर एक आरटीआई दाखिल की गई थी। जिसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान 2000 को काई नया नोट नहीं छापा गया। भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड ने वित्तवर्ष 2016-17 में 2,000 रुपये के 3,5429.91 करोड़ नोट छापे थे। इसके बाद 2017-18 में 1115.07 करोड़ और 2018-19 में 466.90 करोड़ नोट छापे गए।
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