दिल्ली। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को कहा कि ईमानदार लोगों को अपनी ईमानदारी साबित करनी होती है जबकि चोर अपनी जिंदगी के मजे लेते हैं। मालीवाल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब शहर की एक अदालत ने डीसीडब्ल्यू में नियुक्तियों के संबंध में उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया।
स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया, ” ईमानदारी से काम करने वालों को अपनी ईमानदारी सिद्ध करनी पड़ती है और चोर देश में मजे मारते हैं। लाखों मामले संभाले, सैंकड़ों बच्चियों को तस्करी से बचाया, शराब-मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले माफिया पकड़वाए, गरीबों के साथ खड़ी हुई। बस यही मेरा गुनाह है। जब तक ज़िंदा हूं, लड़ती रहूंगी।” इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना से डीसीडब्ल्यू की प्रमुख स्वाति मालीवाल को हटाने की मांग की है। सक्सेना को लिखे गये पत्र में पश्चिमी दिल्ली के भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने मालीवाल को उन्हें पद से हटाने की मांग की।
वर्मा ने कहा, ”मैं आप से अनुरोध करता हूं कि असंवैधानिक कृत्य के लिए स्वाति मालीवाल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें और उन्हें डीसीडब्ल्यू के अध्यक्ष के पद से हटाएं।” वर्मा ने कहा कि ‘कथित साजिश’ के तहत मालीवाल और अन्य ने ‘आप’ कार्यकर्ताओं को उचित प्रक्रिया का पालन किये बिना महिला आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्त किया।
क्या है पूरा मामला
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्वाति मालीवाल और अन्य के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के मामले में पद का दुरुपयोग करने के आरोप में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप तय करने का आदेश दिया। स्वाति मालीवाल के अलावा प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक को भी आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि ‘प्रथम दृष्टया इंगित करती है कि अधिकांश नियुक्तियां आरोपियों के करीबियों और पसंदीदा लोगों को दी गई। इस प्रकार आरोपियों की ओर से ये दावा नहीं किया जा सकता है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया, ताकि वे नियुक्त किए गए लोगों के लिए आर्थिक लाभ प्राप्त कर सके।’
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