वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन को लेकर ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने सनसनीखेज खुलासा किया है जिसके बाद अमेरिकी राजनीति में बवाल मच गया है। मस्क ने बताया कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर 2020 में टीम बाइडन के दबाव में कैसे इस रिपोर्ट को दबाया गया था।
एलन मस्क ने स्वतंत्र पत्रकार और लेखक मैट टैबी के ट्वीट को रिट्वीट किया है। पत्रकार ने हंटर बाइडन की लैपटॉप स्टोरी के सेंसरशिप के पीछे के फैसले के बारे में पूरी कहानी का खुलासा करते हुए कई ट्वीट किए हैं। ‘ट्विटर फाइल्स’ जारी करते हुए इन ट्वीट में बताया गया है कि 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के वक्त कंपनी ने टीम बाइडन के आग्रह को मंजूर किया था। टीम बाइडन ने हंटर बाइडन को लेकर ‘द न्यू यॉर्क पोस्ट’ की मीडिया रिपोर्ट को ट्विटर पर रोकने का आग्रह किया था।
इसके बाद स्टोरी को ट्विटर ने सेंसर कर दिया था। इस सामग्री को सेंसर करने का फैसला ट्विटर के उच्चाधिकारियों ने किया था हालांकि इसकी जानकारी ट्विटर के तत्कालीन सीईओ जैक डोर्सी को नहीं थी। इसमें कंपनी की पूर्व कानूनी मामलों की प्रमुख विजया गाड्डे ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
क्या थी ‘हंटर बाइडन लैपटॉप स्टोरी’?
14 अक्टूबर, 2020 को न्यूयॉर्क पोस्ट ने बाइडन का एक गोपनीय ईमेल प्रकाशित किया था। यह हंटर बाइडन के एक लैपटॉप से रिकवर किए गए ईमेल पर आधारित था। रिपोर्ट में खुलासा किया था कि हंटर बाइडन ने एक साल से भी कम समय पहले अपने पिता को एक यूक्रेनी ऊर्जा कंपनी में एक शीर्ष कार्यकारी से मिलवाया था। उस समय, बाइडन ने यूक्रेन पर कंपनी की जांच कर रहे सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त करने का दबाव डाला था। इसके पीछे की वजह हंटर बाइडन की नौकरी बताई जा रही है।
हंटर बाइडन 2015 में यूक्रेन की इसी कंपनी बुरिस्मा के निदेशक मंडल में 50 हजार डॉलर प्रति माह के वेतन पर शामिल हुए थे। हंटर को 17 अप्रैल 2015 के ईमेल में पॉजर्स्की ने कथित तौर पर लिखा था कि मुझे वॉशिंगटन डीसी बुलवाने और अपने पिता तत्कालीन उप राष्ट्रपति बाइडन से मिलाने का शुक्रिया। उनके साथ कुछ पल बिताना अच्छा लगा है। इसी कथित मेल पर द न्यू यॉर्क पोस्ट ने अपनी स्टोरी पब्लिश की थी।
इस मामले को लेकर डेली मेल ने दावा किया था कि तस्वीरों, दस्तावेजों, ईमेल और टेक्स्ट मैसेज से पता चलता है कि साल 2013 से 2016 तक 6 मिलियन डॉलर से अधिक की आय अर्जित करने के बाद भी, हंटर बाइडेन के लापरवाही से किए गए खर्च ने उन्हें कर्ज में डाल दिया था। जब हंटर के कई व्यापारिक सौदे रद्द हो गए और उनके खिलाफ संघीय जांच चल रही थी, तो उन्होंने एक ईमेल लिखा था। इसमें उन्होंने जेल भेजे जाने की आशंका जताई थी। इसके अलावा भी इस मामले में कई बड़े खुलासे हुए थे।