रामपुर। आजम खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। बदजुबानी में तीन साल के सजायाफ्ता और अपनी विधायकी गंवाने वाले सपा नेता मोहम्मद आजम खां पर नफरती बयानबाजी के लिए एक और मुकदमा दर्ज हो गया है। अब शहर कोतवाली में उन पर केस दर्ज किया गया है।
एक दिसंबर को रामपुर में किला मैदान में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा थी। जिसमें अखिलेश यादव से पहले आजम खां ने सभा को संबोधित किया था। नहर खंड के जेई सुजेश कुमार सागर वहां निर्वाचन आयोग की ओर से बतौर निगरानी टीम प्रभारी कार्यक्रम में बयानबाजी पर निगरानी रखे हुए थे। उन्होंंने ही आजम के खिलाफ तहरीर दी। इसमें आरोप लगाया गया है कि आजम खां ने चुनाव आयोग को भांड और चुनाव प्रक्रिया को भांडगीरी कहा। इसके साथ ही बुर्कापोशों पर डंडे बरसाने वाले जिंदाबाद भी कहा।
तहरीर में कहा गया है कि आजम खां पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधायक हैं, उन्होंने इस तरह की बयानबाजी कर आयोग सरीखी संवैधानिक संस्था को भांड कहकर और पुलिस पर तंज कस कर वैमन्स्यता फैलाने का काम किया है। शहर कोतवाल गजेंद्र त्यागी ने बताया कि वीडियो निगरानी टीम प्रभारी सुजेश कुमार सागर की ओर से प्राप्त तहरीर के आधार पर सपा नेता मोहम्मद आजम खां के खिलाफ 153ए, 505/1/बी आईपीसी एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-125 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इससे पहले आजम खां के खिलाफ रामपुर के गंज थाने में भी मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि रामपुर उपचुनाव में सपा प्रत्याशी आसिम रजा के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी की।
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