भोपाल। देश के अलग-अलग राज्यों में सक्रिय साइबर ठगों की नजर मध्यप्रदेश के भोपाल के लोगों पर है। जनवरी से अक्टूबर के बीच राजधानी में 10 ठग 4400 लोगों के बैंक खातों में सेंध लगा 11 करोड़ रुपए ठग चुके हैं। यानी हर महीने औसतन 450 लोगों से एक करोड़ 10 लाख रुपए की ठगी की जा रही है।
भोपाल साइबर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दस माह में शहर के 3400 लोगों ने स्वयं पहुंचकर आनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज करवाई है जबकि 750 शिकायतें पुलिस को आनलाइन प्राप्त हुई हैं। 250 लोगों ने ठगी को लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की है। इनमें से करीब एक हजार मामले ऐसे हैं जिनमें ठगों ने संबंधित की इंटरनेट मीडिया की आइडी को कापी कर नई बनाने के बाद रुपये वसूलने के प्रयास किए हैं। ऐसे मामलों को साइबर पुलिस ने जिला पुलिस को जांच के लिए सौंप दिया है। जिन पर संबंधित थाना छानबीन करने के बाद एफआइआर दर्ज करेंगे।
बातों में उलझाकर पूछ लेते हैं ओटीपी
आमतौर पर बैंक व अन्य संस्थाएं लगातार किसी भी व्यक्ति से बैंकिंग संबंधी ओटीपी नंबर किसी भी सूरत में शेयर नहीं करने की सलाह देती हैं। बावजूद ठग इतने शातिर और अपडेट हो चले हैं कि वे संबंधित व्यक्ति का डाटा जुटाकर फोन काल पर इतनी जानकारी दे देते हैं कि उस पर भरोसा आसानी से हो जाता है और लोग ओटीपी शेयर कर देते हैं। इसके लिए वे बैंक में लेन-देन की गड़बड़ी या अन्य प्रकार की शिकायत, लोन प्रकिया के नाम पर ओटीपी भेजकर आपकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का हवाला देते हैं।
ठगी की शिकायतों में 50 प्रतिशत से अधिक ऐसे ही मामले हैं, जिनमें ओटीपी शेयर करते ही खाते से राशि ट्रांसफर हो गई। इसके अलावा अलावा क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, लाटरी, बैंक केवायसी अपडेट कराने, बिजली कनेक्शन काटने का संदेश भेजकर, क्यूआर कोड, अश्लील वीडियो भेजकर रुपये मांगे जा रहे हैं।
साइबर ठगी से ऐसे बचें
- बैंक एटीएम में पिन दर्ज करते समय उसे ढंक लें। एटीएम बूथ के अंदर किसी अनजान व्यक्ति को प्रवेश न दें।
- बैंक ट्रांजेक्शन की तुरंत जानकारी के लिए एसएमएस अपडेट की सुविधा का इस्तेमाल करें।
- मोबाइल या कंप्यूटर पर आए अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक खाता, एटीएम या क्रेडिट कार्ड आदि से संबंधित जानकारी साझा न करें।
Discussion about this post