मुंबई। फिल्म कश्मीर फाइल्स पर IFFI जूरी हेड के विवादास्पद बयान पर अब उनके देश इजरायल के राजदूत ने माफी मांगी है। सिलसिलेवार तरीके से किए ट्वीट में उन्होंने जूरी हेड नदव लापिड को जमकर सुनाया है।
भारत में इजरायल के राजदूत नाओर जिलोन ने ट्विटर लिखा, ‘भारतीय संस्कृति में वे कहते हैं कि मेहमान भगवान होता है। आपने IFFI गोवा में जजों की पैनल की अध्यक्षता करने के मिले निमंत्रण के साथ-साथ उनकी तरफ से आपको दिए सम्मान, भरोसा और सत्कार का सबसे बुरा जवाब दिया है।’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत और इस्राइल, दोनों देशों और यहां के लोगों के बीच दोस्ती बहुत मजबूत है। आपने (नदव लापिड) जो नुकसान पहुंचाया है, वह ठीक हो जाएगा। एक इंसान के रूप में मुझे शर्म आती है और हम अपने मेजबानों से उस बुरे तरीके के लिए माफी मांगना चाहते हैं कि हमने उनकी उदारता और दोस्ती के बदले यह दिया है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने यह भी कहा था कि जब भारत इजरायल का कंटेंट देख रहा है, तो ऐसे समय पर हमें उनके साथ विनम्र होना चाहिए।’ उन्होंने लिखा, ‘मैं कोई फिल्म का जानकार नहीं हूं, लेकिन मैं यह जानता हूं कि ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं के बारे में गहराई से पढ़ने से पहले बोलना असंवेदनशील है, जो भारत में खुले घाव की तरह है, जिसमें कई लोग शामिल हैं और आज भी कीमत चुका रहे हैं।’
उन्होंने सलाह दी, ‘मेरा सुझाव है कि जैसा कि आप पहले भी मुखर रहे हैं, आपको जो भी पसंद नहीं है उसके बारे में इजरायल में आजादी से बोलें, लेकिन अपनी भड़ास अन्य देशों पर निकालने की जरूरत नहीं है। मुझे नहीं पता कि ऐसी तुलना करने से पहले आपके पास तथ्यात्मक जानकारी है या नहीं। मुझे पता है कि मेरे पास नहीं है।’
जिलोन ने ट्वीट किया, ‘आप यह सोचकर इजरायल वापस चले जाएंगे कि आप बोल्ड हैं और आपने एक बयान दिया है। हम इजरायल के प्रतिनिधि यहीं रहेंगे। आपको आपकी बहादुरी के बाद हमारे मैसेज बॉक्स देखना चाहिए कि मेरी जिम्मेदारी में काम कर रही टीम पर इसका क्या असर होगा।
क्या था मामला
53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के जूरी प्रमुख और इज़राइली फिल्मकार नदव लापिद ने हिंदी फिल्म ‘ द कश्मीर फाइल्स’ को सोमवार को ‘दुष्प्रचार करने वाली’ और ‘भद्दी’ फिल्म बताया। इफ्फी 2022 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए लापिद ने कहा कि फिल्म समारोह में इस फिल्म का प्रदर्शन किए जाने से वह ‘परेशान और हैरान’ हैं।
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