दिल्ली। आजकल बड़ी संख्या में लोग डिजिटल टांजैक्शन करने लगे हैं। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआइ से पैसे भेजने और प्राप्त करने में आसानी तो हुई है, लेकिन इससे स्कैमर्स धोखाधड़ी के नये-नये तरीके भी निकालने लगे हैं। फर्जी सरकारी योजनाओं, नौकरी की गारंटी, लकी ड्रा से संबंधित वाट्सएप संदेश या एसएमएस भेज कर लोगों को गुमराह किया जाता है। वहीं राजधानी में ठगी का एक नया तरीका सामने आया है।
दरियागंज इलाका निवासी रोहित अपने परिवार के साथ यहाँ रहते हैं, दरियागंज में ही इनका होटल है। पुलिस को अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि बीते दिन इनके पास +1 (518) 876xxxx नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई थी। उस कॉल को वह उस समय उठा नहीं पाए। बाद में कॉल देखा तो उस प्रोफाइल में उनके दोस्त की फोटो लगी हुई थी। उन्हें लगा कि शायद दोस्त ने दूसरा नंबर ले लिया होगा। रोहित ने दोस्त का ही नंबर समझ कर उसी नंबर पर कॉल बैक किया। कॉल रिसीव करने के बजाय दूसरी साइड से ठग ने मेसेज करने को बोला। रोहित को लगा कि दोस्त भारतीय समय के हिसाब से वहां अमेरिका में रात को बिजी होगा। उन्होंने मेसेज करके हाल चाल पूछा। दूसरी तरफ से आरोपी ने दोस्त बनकर बताया कि उसे अभी 99 हजार रुपए की जरूरत है। उसने बताया कि उसके ऑफिस में एक लड़का काम करता है, उसके अकाउंट में भेजने हैं। क्योंकि उसके साथ मेडिकल इमरजेंसी हो गई है।
रोहित के अनुसार मुसीबत में दोस्त की मदद करने के इरादे से उन्होंने हामी भर दी। चैट करने वाले कथित दोस्त ने एक अकाउंट नंबर दिया। रोहित ने तुरंत बैंक जाकर उस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद पीड़ित को उसके एक अन्य दोस्त से पता चला कि दूसरे दोस्तों को भी इस तरह के फ्रॉड मेसेज आए हैं।
पीड़ित ने तुरंत अपने दोस्त के पुराने नंबर +1 (714)-72xxxxx फोन मिलाया। दोस्त ने फोन उठाया। पूछने पर दोस्त ने कहा कि उसने कोई पैसों के लिए मेसेज नहीं भेजा है। ना ही उसका कोई दूसरा नंबर है। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने शिकायत पर सेंट्रल जिले की साइबर सेल में दी। रोहित ने पुलिस को उस दोस्त पर भरोसा करने की वजह बताई कि पहले भी उस से उनका लेनदेन होता रहा है।
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