वाशिंगटन। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को डिप्लोमेटिक इम्युनिटी मिलने के सवाल पर अमेरिका ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण दिया है।
अमेरिका ने पीएम मोदी का उदाहरण सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को लेकर पूछे गये एक सवाल पर दिया है। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद को अमेरिका प्रसिद्ध पत्रकार जमाल खशोगी मर्डर का आरोपी मानता है और अमेरिका में सऊदी क्राउन प्रिंस के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत है। लेकिन पिछले दिनों प्रिंस सलमान को सऊदी अरब का नया प्रधानमंत्री बना दिया है, जिसके बाद अमेरिका में मुकदमा चलाने से प्रिंस सलमान को छूट दे दी गई।
इसी सवाल पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि, “यह पहली बार नहीं है, कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐसा किया है। हमने इसे पहले कई राष्ट्राध्यक्षों पर लागू किया गया है।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमने 1993 में हैती के राष्ट्रपति एरिस्टाइड, 2001 में जिम्बाब्वे में राष्ट्रपति मुगाबे, 2014 में भारत में प्रधानमंत्री मोदी, और 2018 में डीआरसी में राष्ट्रपति कबीला को भी ये सुरक्षा दी है।”
मोहम्मद को इसलिए ही बनाया गया पीएम?
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिए और सऊदी क्राउन प्रिंस को इस केस में फंसने का डर था, क्योंकि तुर्की ने भी अपनी जांच में सीधे तौर पर क्राउन प्रिंस को जिम्मेदार ठहराया है, लिहाजा सऊदी अरब ने मोहम्मद बिन सलमान को प्रधानमंत्री बना दिया, जिसके बाद क्राउन प्रिंस को डिप्लोमेटिक छूट हासिल हो गई और अब उनके खिलाफ किसी देश में मुकदमा नहीं चल सकता है, जबतक वो पीएम पद पर रहेंगे और अमेरिका ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा है, कि पीएम होने की वजह से क्राउन प्रिंस को डिप्लोमेटिक छूट हासिल है और वो इतिहास में भी ये छूट कई वैश्विक नेताओं को दे चुका है।
पीएम मोदी पर लगा था प्रतिबंध
व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने पीएम मोदी का नाम इसलिए लिया है, क्योंकि धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका ने उस वक्त नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। लेकिन साल 2014 में नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन गये तो फिर अमेरिका ने उनके खिलाफ लगाए गये प्रतिबंध को हटा लिया था और उन्हें ‘डिप्लोमटिक इम्युनिटी प्रदान की गई।’ अमेरिका का कहना है, कि वो अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ विदेश मंत्रियों को भी ये सुविधा प्रदान करता है। और सऊदी क्राउन प्रिंस पर इल्जाम है, कि उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट के वरिष्ठ स्तंभकार जमाल खशोगी को तुर्की स्थिति सऊदी दूतावास में मरवा दिया था और अमेरिका ने अपनी जांच में इसके लिए क्राउन प्रिंस को जिम्मेदार ठहराया है। बाइडेन प्रशासन ने उन खुफिया दस्तावेजों को भी सार्वजनिक किया है, जिनमें प्रिंस सलमान को सीधे तौर पर आरोपी ठहराया गया है।
पीएम मोदी पर क्यों लगा था प्रतिबंध?
अमेरिका ने साल 2002 गुजरात दंगे के बाद नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर रोक लगा दी थी और उन्हें अमेरिका का वीजा देने से इनकार कर दिया था। पीएम मोदी के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध 10 सालों से ज्यादा वक्त तक रहा और साल 2014 में पीएम बनने के बाद उनके खिलाफ ये प्रतिबंध हटा लिया गया।
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