नई दिल्ली। डॉग लवर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर में खुले में कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के आदेश के कुछ हिस्से पर रोक लगा दी है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगर कोई आवारा कुत्ते को खिलाना चाहता है, तो उस कुत्ते को गोद लेकर अपने घर ले जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये आदेश व्यवहारिक नहीं है। कुत्तों को खाना खिलाने की एवज में आप लोगों को उन्हें गोद लेने के लिए मज़बूर नहीं कर सकते। अगर कुत्तों को खाना नहीं मिलेगा तो वो और आक्रामक हो जाएंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने जनता से यह सुनिश्चित करने को कहा कि लावारिस कुत्तों को खाना खिलाने से किसी अन्य व्यक्ति को कोई परेशानी न हो। पीठ ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक हाईकोर्ट के 20 अक्तूबर के आदेश के अनुपालन में कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।
‘कुत्ते खुले में ही रहते है’
जब एक वकील ने कुत्तों को खुले में खाना खिलाने को लेकर आपत्ति जाहिर की तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्ते कहां रहते है! खुले में ही ना! उनका अपना घर तो होता नहीं है! हम कुत्तों को खाना खिलाने के लिए उन्हें गोद लेने या कैद में रखने का कोई निर्देश नहीं देने जा रहे।
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