देहरादून। उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में जबरन धर्मांतरण पर लगाम कसने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके बाद से धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसे मामलों पर रोक लगेगी।
उत्तराखंड सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 29 प्रस्ताव लाए गए। जिसके तहत अब उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा सख्त कर दिया गया है। प्रदेश में जबरन धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध में शामिल किया गया है जिसके तहत अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। कैबिनेट में इस पर मुहर लग गई है। जल्द ही ये विधेयक विधानसभा में लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता वाली इस बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट को नैनिताल से हलद्वानी शिफ्ट किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक के दौरान राजकीय सेवाओं में राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर भी बातचीत हुई। इससे पहले बताया गया था कि इसके अतिरिक्त बैठक में शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों की भर्ती, खनन नीति में वन स्टेट वन रॉयल्टी का प्रावधान, पीआरडी जवानों को मातृत्व अवकाश, नर्सिंग भर्ती नियमावली को मंजूरी देने का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में लाया जा सकता है।