मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पिछले पांच साल से एक पाकिस्तानी महिला वोटर बनकर बैठी है और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं गई। अब मामला सामने आने के बाद से आनन-फानन में महिला का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है और जांच की बात कही जा रही है।
जिला कलक्टर शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सबा परवीन नाम की महिला वर्ष 2005 में नदीम अहमद से शादी कर पाकबड़ा नगर पंचायत में रह रही थी। तब से वह इसी क्षेत्र में रह रही है। वह लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में है। 2017 में जब नगर पंचायत का चुनाव हुआ तो उसका नाम मतदाता सूची में शामिल किया गया। हालांकि नियमों के मुताबिक उसका नाम इसमें शामिल नहीं किया जा सकता था। नियमों के मुताबिक, चूंकि सबा लंबे समय के वीजा पर भारत में रह रही हैं, इसलिए उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हो सकता है। वो भारत की नागरिक नहीं हैं।
महिला के पति नदीम ने बताया कि उसका वोट वोटर लिस्ट में कैसे शामिल हो गया। इसका उसको पता नही है। उसकी पत्नी के पास पासपोर्ट के अलावा कोई आईडी नहीं है। वोटर होने का पता चलने पर वह उसे कटवाने के लिए खुद ही अधिकारी के पास गया था। बिना किसी आईडी के वोट कैसे मतदाता बनाया गया। पाकबड़ा में अब खुफिया विभाग की टीम के साथ साथ प्रशासन के अधिकारी वोटर लिस्ट का सत्यापन कर रहे हैं।
पाकबड़ा चेयरमैन प्रतिनिधि रिंकू गोस्वामी ने आरोप लगाया कि बीएलओ और सुपरवाइजरों ने कुछ लोगों के साथ मिलकर काफी संख्या में फर्जी वोट बना दिया है। बसपा नेता गुलशेर सैफी ने आरोप लगाया कि सत्ता के दबाव पर रोक लगनी चाहिए। वहीं डीएम शैलेंद्र सिंह ने बताया कि शबा परवीन की शादी पाकबड़ा में हुई थी वह वीजा पर पाकबड़ा में रह रही है। नियमानुसार उसका वोटर लिस्ट में नाम शामिल होना गलत है। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच में कई टीमों को लगाया गया है।