नई दिल्ली। भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन की हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने बुधवार को नीरव मोदी की अपील को खारिज करते हुए भारत प्रत्यर्पण पर मुहर लगा दी है। नीरव मोदी भारत में भगोड़ा घोषित है। फिलहाल वो ब्रिटेन में शरण लिया हुआ है। ब्रिटेन हाई कोर्ट की ओर से अपील खारिज होने के बाद उसको भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है।
भारत लंबे समय से नीरव मोदी को भारत लाने की कोशिशों में लगा है। लेकिन ब्रिटेन की जेल में बंद नीरव मोदी अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अलग-अलग दलीलें दे रहा है। ब्रिटेन में उसके वकीलों ने दलील दी थी भगोड़ा आर्थिक अपराधी डिप्रेशन का शिकार है। वह भारत की जेलों में आत्महत्या कर सकता है। ये तर्क देकर उन्होंने नीरव मोदी को भारत भेजने का विरोध किया था। हालांकि अदालत ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि नीरव का प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण या दमनकारी नहीं होगा। सुनवाई के दौरान भी जस्टिस रॉबर्ट जे ने इस बात पर जोर दिया था कि भारत के ब्रिटेन के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में ब्रिटेन को 1992 की भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि का सम्मान करना जरूरी है।
जेल में बंंद है भगोड़ा
51 साल का नीरव मोदी इस समय वैंड्सवर्थ जेल में बंद हैं जो दक्षिणी-पूर्वी लंदन में है। उसे डिस्ट्रीक्ट जज सैम गूजे के फैसले के खिलाफ अपील करने की मंजूरी दी गई थी। पिछले साल फरवरी में वेस्टमिंस्टर जज ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश सुनाया था।
विशेष पीएमएलए कोर्ट ने घोषित किया था आर्थिक अपराधी
इससे पहले विशेष पीएमएलए कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अनुसार नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। जिसके बाद वह लंदन भाग गया था। तीन साल पहले नीरव मोदी को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है।
2018 में सामने आया था पीएनबी धोखाधड़ी मामला
पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी का मामला पहली बार 29 जनवरी 2018 में सामने आया था। इसके बाद 29 जून 2018 को इंटरपोल की ओर से नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके बाद अगस्त 2018 में सीबीआई ने पहली बार ब्रिटेन की कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अपील की थी।
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