दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की हवा में अब प्रदूषण का असर कुछ कम होता दिख रहा है, इसी के मद्देनजर दिल्ली में संडे को सीएक्यूएम ने ग्रैप-4 की सख्त पाबंदियों को हटा दिया है। अरविंद अरविंद केजरीवाल सरकार ने हाल ही में खतरनाक AQI स्तर के कारण राष्ट्रीय राजधानी में प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूलों को बंद कर दिया था।
दिल्ली में पिछले करीब एक पखवाड़े से प्रदूषण की मार पड़ रही थी। हालात गैंस चैंबर जैसे बन गए थे। हालांकि, सोमवार से प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ है और इसे देखते हुए ही कई तरह की छूट का ऐलान किया गया है। मंत्री गोपाल राय ने कहा केवल GRAP-4 की पाबंदियों को ही हटाया जा रहा है लेकिन GRAP-3 की पाबंदियां लागू रहेगी यानी उसमें कोई ढ़ील नहीं दी जा रही है, GRAP-3 की पाबंदियों को लेकर राय ने कहा कि रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, डिफ़ेंस, अस्पताल आदि के कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम के अलावा बाक़ी सभी जगहों पर कंस्ट्रक्शन वर्क पर अभी प्रतिबंध जारी रहेगा।
BS-3 पेट्रोल और BS-4 की सभी प्रकार की डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध जारी
BS-3 पेट्रोल और BS-4 की सभी प्रकार की डीज़ल गाड़ियों पर प्रतिबंध रहेगा मगर जरूरी सेवाओं से जुड़ी गाड़ियों का अनुमति दी गई है वहीं प्रदूषण कम करने करने को लेकर की सड़कों की मैकेनिकल सफाई फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के जरिए पानी का छिड़काव जैसे काम चलते रहेंगे ताकि प्रदूषण के असर को कम किया जा सके।
‘निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन की तैनाती हो’
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अन्य उपायों की भी सिफारिश की है। इन उपायों में धूल अवरोधक स्क्रीन का उपयोग, निर्माण सामग्री और उसके मलबे को ढंकना और इन स्थलों पर निर्माण मलबे का ढके वाहनों में परिवहन करके उचित निपटान शामिल हैं।
निर्माण स्थल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत
आयोग ने कहा कि ये निर्माण स्थल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत हैं। सीएक्यूएम के बयान में कहा गया है, ‘पांच हजार से 10,000 वर्ग मीटर के कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम एक एंटी-स्मॉग गन आवश्यक है। 10,001 से 15,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र के लिए दो एंटी-स्मॉग गन जरूरी है।’ सीएक्यूएम के बयान में कहा गया है, ‘15,001 से 20,000 वर्ग मीटर के निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम तीन एंटी-स्मॉग गन जरूरी हैं। 20,000 वर्ग मीटर से ऊपर के कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम पांच एंटी-स्मॉग गन तैनात की जानी चाहिए।’
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