नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के नए चीफ जस्टिस बनने जा रहे डीवाई चंद्रचूड़ के खिलाफ दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। इस अर्जी में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को मुख्य न्यायाधीश के पद पर शपथ लेने से रोकने की मांग की गई थी। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस अर्जी में सुनवाई लायक कुछ भी नहीं है।
सीजेआई यूयू ललित, जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष में मुर्सलिन असिजीत शेख ने याचिका दायर कर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को देश का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने को चुनौती दी। मुरसलिन असिजीत शेख द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने 12 मौकों पर सुप्रीम कोर्ट में जानबूझकर अवहेलना की और जानबूझकर योग्य वादियों को न्याय से वंचित किया है। याचिका में यह भी कहा गया कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने बेटे के मुवक्किल से संबंधित एक मामले को सुनते हुए राज्य सरकार सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए बिना एकतरफा आदेश पारित किया है।
याचिका में जस्टिस चंद्रचूड़ के खिलाफ अदालत की अवमानना और अन्य आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए केंद्र सरकार को उन्हें सीजेआई के रूप में नियुक्त करने से परहेज करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।
बता दें सीजेआई ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहा है। वे मात्र 74 दिन इस पर पद रहेंगे। जस्टिस ललित 26 अगस्त 2022 को सीजेआई एनवी रमण का कार्यकाल पूरा होने के बाद देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उनका कार्यकाल मात्र ढाई माह का है, जबकि उनके पूर्व प्रधान न्यायाधीशों का औसत कार्यकाल 1.5 साल का रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। यानी वे दो साल तक देश के प्रधान न्यायाधीश रहेंगे। उन्हें 2016 में सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 9 नवंबर को शपथ लेने वाले हैं। देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस चंद्रचूड़ शपथ लेने जा रहे हैं।
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