जयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। वहीं, पीएम मोदी ने भी अशोक गहलोत की तारीफ की थी। इसको लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम ने गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी।
सचिन पायलट ने कहा, “यह बड़ा दिलचस्प घटनाक्रम कहा जा सकता है क्योंकि पीएम मोदी ने इसी तरह गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी लेकिन उसके बाद क्या हुआ सब जानते हैं।” राजस्थान से कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कहा, “मुझे पीएम मोदी का सीएम गहलोत की प्रशंसा करना बहुत दिलचस्प लगता है। पीएम ने संसद में गुलाम नबी आजाद की भी इसी तरह प्रशंसा की थी। हमने देखा कि उसके बाद क्या हुआ। यह एक दिलचस्प वाकया था, इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।”
सचिन पायलट ने यह भी कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के जिन विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत की, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब राजस्थान में अनिश्चितता के माहौल को खत्म करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, “25 सितंबर को CLP की बैठक थी जो नहीं हो पाई थी जिसके लिए सीएम ने माफी भी मांगी थी। AICC ने इसे अनुशासनहीनता का मामला माना और 3 लोगों को नोटिस दिया। कांग्रेस पुरानी और अनुशासित पार्टी है। कोई भी व्यक्ति कितना ही बड़ा हो कानून और नियम सभी पर लागू होते हैं।”
दरअसल, 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई थी, वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत के करीबी शांति धारीवाल के आवास पर विधायकों को इकट्ठा किया गया था। 60 से ज्यादा विधायक कांग्रेस की उस बैठक में नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद ये विधायक अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के विरोध में विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे और अपने इस्तीफे दे दिए। माना गया कि इस बगावत में बागी विधायकों का नेतृत्व शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ कर रहे थे। ऐसे में इन तीनों नेताओं को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा था।
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