अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी में नदी पर बने एक ओवरब्रिज के गिरने से अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अन्य की नदी में तलाश जारी है। मौतों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। मामले में पुलिस ने पुल बनाने वाले एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादन हत्या के मामले में केस दर्ज किया है। साथ ही कई को गिरफ्तार भी किया है। इसी बीच गुजरात के वकील संघों ने बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक आरोपियों का केस वकील संघों की तरफ से नहीं लड़ा जाएगा।
मोरबी बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता एसी प्रजापति ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि प्रदेश के दो बार एसोसिएशन ने फैसला किया है कि वे मोरबी पुल गिरने के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। इसको लेकर वकील यूनियन की तरफ से प्रस्ताव भी पास किया गया है। जिसमें कहा गया उनके वकील ओरेवा कंपनी के 9 आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे।
केबल बदल दिया जाता तो नहीं टूटता पुल
अहमदाबाद स्थित ओरेवा समूह पुल गिरने के बाद जनता के रडार पर आ गया है। पहले यह पता चला था कि ज्यादा भीड़ होने की वजह से पुल टूटा था। लेकिन जांच के बाद पाया गया है कि मरम्मत का काम ठीक से नहीं किया गया था। इस वजह से पुल टूट गया। मंगलवार को अदालत में अभियोजन पक्ष ने बताया कि पुल के फर्श की मरम्मत तो की गई लेकिन केबल की मरम्मत नहीं की गई। इसलिए फर्श के दबाव में केबल टूट गई। क्योंकि मरम्मत के बाद फर्श भारी हो गया था।
ओरेवा ग्रुप के 9 लोगों को किया गया है गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने ओरेवा ग्रुप के 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है उनमें समूह के दो प्रबंधक, पुल की मरम्मत करने वाले दो उप ठेकेदार, सुरक्षा गार्ड और टिकट बुकिंग क्लर्क समेत नौ लोग शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद प्रबंधकों और उप-ठेकेदारों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि बाकी अन्य को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
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