नई दिल्ली। गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इस मामले में पहली सुनवाई आगामी 14 नवंबर 2022 को होगी।
एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। जिसमें अधिवक्ता ने राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को इस तरह की त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।
गौरतलब है कि, रविवार शाम को गुजरात के मोरबी में यह दर्दनाक हादसा हुआ था। यहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज टूटने से कई लोग नदी में गिर गए थे। ये हादसा शाम के समय हुआ, जब लोग छठ मना रहे थे। अब तक इस हादसे में 135 लोगों की मौत की खबर है और 100 से ज्यादा घायल हैं। बताया जा रहा है कि पुल पर सैकड़ों लोग मौजूद थे। लोगों का वजन इतना था कि केबल पुल अचानक टूट गया और लोग सीधे नदी में गिर गए।
वहीं पुलिस ने अब तक इस मामले में कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिरीक्षक(IGP), राजकोट रेंज, अशोक यादव ने बताया कि अब तक अजंता मैन्युफैक्च रिंग कंपनी के दो प्रबंधकों, 2 बुकिंग क्लर्कों, मरम्मत कर्मियों के एक पिता-पुत्र की जोड़ी और तीन सुरक्षा गाडरें को गिरफ्तार किया गया है। प्रबंधकों की पहचान दीपक पारेख, दिनेश दवे के रूप में हुई, और अन्य मनसुख टोपिया, महादेवभाई सोलंकी, प्रकाश परमार और उनके बेटे देवांग, अल्पेश गोहिल, दिलीप गोहिल और मुकेश चौहान है।
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