श्रीनगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बडगाम में भारतीय सेना द्वारा आयोजित ‘शौर्य दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान पर भी जमकर हमला बोला।
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ”आज भारत की जो एक विशाल इमारत हमें दिखाई दे रही है, वह हमारे वीर योद्धाओं के बलिदान की नींव पर ही टिकी हुई है। भारत नाम का यह विशाल वटवृक्ष, उन्हीं वीर जवानों के खून और पसीने से अभिसिंचित है। आज का यह शौर्य दिवस, उन वीर सेनानियों की कुर्बानियों और बलिदान को ही याद करने का दिवस है। आज का यह दिवस, उनके त्याग और समर्पण को हृदय से नमन करने का दिवस है।”
इन्फैंट्री डे समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि उसने हमारे क्षेत्रों के लोगों को कितने अधिकार दिए हैं, जिन पर उसने अनधिकृत कब्जा कर लिया है? इन क्षेत्रों में होने वाली अमानवीय घटनाओं के लिए पाकिस्तान पूरी तरह जिम्मेदार है। आज पीओके में अत्याचार के बीज बो रहे पाकिस्तान को आने वाले समय में कांटों का सामना करना पड़ेगा।”
राजनाथ सिंह ने कहा, “आतंकवाद का तांडव जो इस राज्य ने कश्मीरियत के नाम पर देखा है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। अनगिनत जानें चली गईं और अनगिनत घर तबाह हो गए। धर्म के नाम पर कितना खून बहा, इसका कोई हिसाब नहीं है। कई लोगों ने आतंकवाद को धर्म से जोड़ने का प्रयास किया है, लेकिन क्या आतंकवाद के शिकार किसी एक धर्म तक ही सीमित हैं? सामने हिन्दू है या मुसलमान यह देखकर आतंकवादी हरकत करता है? आतंकवादी केवल भारत को निशाना बनाकर अपनी योजनाओं को अंजाम देना जानते हैं।
रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को लंबे समय तक अंधेरे में रखने के लिए ‘स्वार्थी राजनीति’ को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद से यह क्षेत्र जिसे धरती पर स्वर्ग कहा जाता है कुछ स्वार्थी राजनीतिज्ञों के आगे झुक गया है और एक सामान्य जीवन जीने के लिए तरस रहा है।” उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद कुछ स्वार्थी तत्वों ने कश्मीरी समाज को कई हिस्सों में बांट दिया था। कश्मीरियत भूलकर कश्मीरी समाज हिंदू, मुस्लिम, राजपूत और सिख में बंट गया।
इस दौरान उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मौजूद रहे। हर साल 27 अक्टूबर को पैदल सेना दिवस (Infantry Day) मनाया जाता है। देश की पैदल सेना के अभूतपूर्व शौर्य के सम्मान में इंफैन्ट्ररी डे का आयोजन होते आ रहा है। देश की पैदल सैनिकों का योगदान जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान के चपेट से बचाने के लिए याद किया जाता है।
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