गांधी परिवार के दो संगठनों के FCRA लाइसेंस रद्द, कांग्रेस भड़की

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गांधी परिवार से जुड़े राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस को रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई कथित रूप से कानूनों के उल्लंघन के बाद की गई है। इसे लेकर कांग्रेस भड़क गयी है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कार्रवाई देश के मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए की गई है।

राजीव गांधी फाउंडेशन गांधी परिवार से जुड़ा हुआ गैर सरकारी संगठन है। 21 जून 1991 को स्थापित राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इसमें अन्य ट्रस्टी डॉ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पी चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे और अशोक गांगुली हैं। सरकार के इस फैसले पर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह संस्था इसलिए बनाई गई थी ताकि पैसा उठाया जा सके और गांधी परिवार के सुख-सुविधाओं के लिए उसको इस्तेमाल किया जा सके। इस फाउंडेशन के जरिए कांग्रेस पार्टी देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है। माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद सीबीआई और ईडी इस मामले की जांच कर सकती है। केंद्र सरकार की इस कार्रवाई के बाद संगठन विदेशी चंदा नहीं ले पाएगा।

वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “केंद्र ने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) के खिलाफ पुराने आरोप दोहराए हैं। ऐसा कांग्रेस को बदनाम करने और लोगों का ध्यान दैनिक मुद्दों से हटाने के लिए किया गया है।” रमेश ने कहा, “आसमान छूती कीमतों, बेरोजगारी और डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है।”

बता दें एफसीआरए लाइसेंस के तहत स्थानीय संस्थाएं और एनजीओ विदेशी संस्थाओं, व्यक्तियों से अनुदान ले सकती हैं, लेकिन अनुदान लिए जाने की पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दी जाती है। इससे यह पता लगाया जा सके कि जो अनुदान लिया गया है वह किस संस्था से किस कार्य के लिए लिया गया है। इसका इस्तेमाल देश हित में है और देश विरोधी गतिविधि में किया जाएगा।

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