कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) की हड़ताल और उसके बाद हुई हिंसा में नुकसान के बारे में विवरण मांगा है। हिंसा के संबंध में प्रत्येक अदालत में दायर जमानत आवेदनों का विवरण भी सरकार से मांगा गया है। मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी।
जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास सीपी की पीठ ने 23 सितंबर को हड़ताल में हुई हिंसा से संबंधित दर्ज प्रत्येक मामले में हुए नुकसान को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। अदालत ने पीएफआइ और उसके पूर्व महासचिव अब्दुल सत्तार की संपत्तियों की कुर्की के विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने को भी कहा। इससे पहले अदालत ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआइ और उसके पूर्व महासचिव को केरल राज्य सड़क परिवहन निगम और सरकार द्वारा हड़ताल से संबंधित हिंसा मामले में गृह विभाग के पास 5.2 करोड़ रुपये जमा करने को कहा।
हड़ताल के दौरान बसों को हुए नुकसान के लिए पीएफआइ से पांच करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजे की मांग के लिए केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की याचिका पर अदालत ने यह आदेश दिया है। पुलिस ने कहा कि अब तक कुल 361 मुकदमे दर्ज किए हैं और हिंसा के आरोप में 2,674 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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