मुंबई। बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कर्नाटक हिजाब बैन मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विवेक अग्निहोत्री ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया पर तंज कसा है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने कहा था कि हिजाब पसंद का मामला है।
स्विस सरकार के द्वारा बुर्का प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर 1,000 डॉलर का जुर्माना लगाने का बिल संसद में पेश किया था। विवेक अग्निहोत्री ने स्विस सरकार की ओर से जारी किए गए इस बिल की एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए जस्टिस सुधांशु धूलिया पर तंज कसा। विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट किया, ”मैं बुर्का के खिलाफ इस अंतरराष्ट्रीय, इस्लामोफोबिक साजिश पर न्यायमूर्ति धूलिया के विचार जानना चाहता हूं।”
हिजाब प्रतिबंध फैसले पर जस्टिस धूलिया ने क्या-क्या कहा था?
हिजाब प्रतिबंध विवाद के अपने फैसले में, सुधांशु धूलिया ने कहा कि हिजाब पहनना और ना पहनना पसंद का मामला है। हमें जिस सवाल का समाधान किया जाना चाहिए वो ये है कि क्या हिजाब के कारण शिक्षा से महिलाओं को वंचित किया जाएगा, क्या इससे एक लड़की का जीवन बेहतर होगा। इस दौरान जस्टिस धूलिया ने निजता के मुद्दे का भी जिक्र किया था।
‘लड़कियों को स्कूल में जाने से पहले, हिजाब उतारने के लिए कहना…’
73 पन्नों के एक अलग फैसले में जस्टिस धूलिया ने कहा था, “लड़कियों को स्कूल के गेट में एंट्री करने से पहले अपना हिजाब उतारने के लिए कहना, पहले उनकी निजता पर आक्रमण है, फिर यह उनकी गरिमा पर हमला है, और फिर आखिर में ऐसा करने से उन्हे धर्मनिरपेक्ष शिक्षा से वंचित करना होगा।”
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को बताया था सही
दूसरी ओर, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सही बताते हुए हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखा था। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि कर्नाटक सरकार को अपने शैक्षणिक संस्थानों के लिए इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत धर्मनिरपेक्ष यह है कि धर्म को राज्य की किसी भी धर्मनिरपेक्ष गतिविधि से नहीं जोड़ा जा सकता है। बता दें कि हिजाब विवाद पर एक बड़ी बेंच सुनवाई करेगी। दोनों जजों के विपरीत फैसले के बाद इसे चीफ जस्टिस के पास भेज दिया गया है।
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