आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया आर्मी डॉग जूम, सेना ने दी अंतिम सलामी

श्रीनगर। आतंकियों की गोली से घायल हुए आर्मी डॉग जूम आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया। गुरुवार दोपहर 12 बजे श्रीनगर स्थित 54 अडवॉन्स फील्ड वेटरिनरी अस्पताल में उसका निधन हो गया। शुक्रवार को सेना ने जूम को पूरे सम्मान के साथ आखिरी सलामी दी जिसका वीडियो भी जारी किया गया है। सेना के अफसरों ने जूम को पुष्प चक्र अर्पित किया और उसके बलिदान को सैल्यूट किया। जूम को ठीक उसी तरह सम्मान दिया गया, जैसे किसी भी वीर शहीद सैनिक को दिया जाता है।

श्रीनगर स्थित चिनार कोर मुख्यालय में शहीद खोजी कुत्ते जूम को सैन्य अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार सुबह हुए आयोजन में लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए जूम की 72 घंटे के इलाज के बाद वीरवार को श्रीनगर के 54 एडवांस फील्ड वेटरनरी हॉस्पिटल (एएफवीएच) में मौत हो गई। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर में एएफवीएच में उपचाराधीन आर्मी डॉग जूम का वीरवार दोपहर करीब 12 बजे निधन हो गया। करीब 11.45 बजे तक उसकी हालत स्थिर थी लेकिन वह अचानक से हांफने लगा और उसने दम तोड़ दिया।

उत्तरी कमान के एक उच्च सैन्य अधिकारी ने कहा, आर्मी असॉल्ट डॉग जूम ने 72 घंटे तक बहादुरी से जूझते ‘इन द लाइन ऑफ ड्यूटी’ पर अपनी जान की कुर्बानी दे दी। जूम को दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान उस स्थान पर भेजा गया जहां आतंकी छिपे हुए थे। उसने जब कमरे में पहुंचकर आतंकियों पर धावा बोला तो दहशतगर्दों ने उसे दो गोलियां मार दीं। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

आठ माह से सेवा में सक्रिय था
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि जूम की आयु दो साल और एक माह थी। वह बेल्जियम की चरवाहा नस्ल का था और पिछले आठ महीनों से सेवा में सक्रिय था। उसे आतंकियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।

शहीद एक्सेल को मिला था वीरता पुरस्कार
इससे पहले सेना ने उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के वानीगाम में 30 जुलाई को एक ऑपरेशन के दौरान दो साल के असाल्ट डॉग एक्सेल को खो दिया था। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 15 अगस्त को एक्सेल को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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