दिल्ली। खुद को वायुसेना का अधिकारी बताने वाले फर्जी विंग कमांडर को दिल्ली पुलिस ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के दफ्तर से दबोचा है। मिलिट्री इंटेलीजेंस, खुफिया विभाग और एयरफोर्स सहित कई जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।
गीता कॉलोनी निवासी फिरोज गाँधी ने एयरफोर्स विंग कमांडर बनकर बीते 11 अक्तूबर को अपना एयरपोर्ट एंट्री पास नवीनीकरण करने के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन को दिया। अधिकारियों को उस पर शक हो गया क्योंकि वर्ष 2019 से पास ऑनलाइन बायोमीट्रिक सिस्टम से नवीनीकृत होते हैं। इसके लिए आवेदन सीधे एयरफोर्स से आते हैं और बायोमीट्रिक जांच के बाद पास नवीनीकृत हो जाते हैं। उसके पास 2016 में बना हुआ एयरपोर्ट एंट्री पास भी था जो उसने फर्जी दस्तावेजों पर लिया था।
अधिकारियों ने उसका आवेदन मिलने के बाद एयरफोर्स अधिकारियों से संपर्क किया। जांच में पता चला कि फिरोज गांधी नामक कोई विंग कमांडर कार्यरत नहीं है। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों ने उसे अगले दिन दफ्तर बुलाया और पुलिस के हवाले कर दिया।
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों ने बताया कि फिरोज से एयरफोर्स के कई संवेदनशील दस्तावेज मिले हैं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। वहीं पुलिस ने उसके घर से एयरफोर्स अफसरों की 28 मुहर, एयरफोर्स से संबंधित कई कार्ड और विंग कमांडर की दो वर्दी सहित अन्य सामान बरामद किया है।
जांच में फर्जीवाड़ा कबूला
पुलिस ने जब 40 वर्षीय आरोपी फिरोज गांधी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की। पहले उसने पुलिस को विंग कमांडर बनकर बरगलाने का प्रयास किया। उन्हें दबाव में लेने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती बरती तो वह टूट गया। उसने फर्जीवाड़े की बात कबूल कर ली। फिरोज के पास मिले एंट्री पास को सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। एजेंसियां जांच में जुटी है कि इस कार्ड के आधार पर वह किन-किन संवेदनशील इलाकों में पहुंचा है। कार्ड कैसे बना, इसकी भी जांच की जा रही है।
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