नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 500 और 1000 का नोट बंद करने के सरकार के निर्णय और प्रक्रिया पर विचार करेगा। कोर्ट ने केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) से नोटबंदी के मामले में समग्र हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इसके लिए केंद्र व रिजर्व बैंक ने समय की मांग की। अब मामले में 9 नवंबर को सुनवाई की जाएगी।
जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की। बेंच में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना हैं। इससे पहले की सुनवाई में बेंच की ओर से सवाल किया गया था कि कहीं यह मामला अकेडमिक तो नहीं हो गया है।
500 और 1000 रुपये के करेंसी नोट हुए थे रद्द
केंद्र सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी की अहम घोषणा की थी। इसके तहत 500 व 1000 रुपये के करेंसी नोट को रद करने का फैसला लिया गया था। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अनेकों याचिकाएं दायर की गईं।
विवेक नारायण शर्मा ने दी थी पहली चुनौती
केंद्र सरकार के नोटबंदी वाले फैसले को सबसे पहले विवेक नारायण शर्मा ने चुनौती दी और कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसके बाद 57 और याचिकाएं दर्ज कराई गईं। उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर, 2016 को रात 8 बजे अचानक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान कर दिया था।
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