वाशिंगटन। पहली हिंदू-अमेरिकी सांसद तुलसी गेबार्ड ने राष्ट्रपति जो बाइडेन वाली डेमोक्रेटिक पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गबार्ड ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए लगभग 30 मिनट के एक वीडियो में यह घोषणा की है। तुलसी गेवार्ड ने 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भी दाखिल किया था लेकिन बाइडेन के इलेक्शन में उतरने पर उन्होंने उनका समर्थन कर दिया था।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में उन्होंने कहा है कि, मैं डेमोक्रेटिक पार्टी में नहीं रह सकती, यह पार्टी अब कायरता से प्रेरित है। ये हर मुद्दे को नस्लीय बनाकर हमें बांटते हैं और श्वेत-विरोधी नस्लवाद को भड़काते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन की तीखी आलोचक गबार्ड ने देश में विभाजन की ‘आग की लपटों में ईंधन डालने’ के लिए उन्हें लताड़ा है। उन्होंने बाइडेन की विफल विदेश नीति पर हमला बोला और यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘मैं एक ऐसी सरकार में विश्वास करती हूं जो लोगों की, लोगों द्वारा और लोगों के लिए हो। दुर्भाग्य से, आज की डेमोक्रेटिक पार्टी ऐसा नहीं करती है। इसके बजाय, यह एक शक्तिशाली अभिजात वर्ग की सरकार के लिए खड़ा है।’
गैबार्ड ने आगे अपने साथी डेमोक्रेट्स को भी उनका साथ देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि उनके साथियों को भी पार्टी छोड़ देनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने अभी तक अपने नए राजनीतिक योजनाओं या रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई डेमोक्रेट्स ने गेबार्ड पर रूसी कठपुतली होने और कई मुद्दों पर उनके विचार डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के साथ ज्यादा मेल खाने का आरोप लगाया है।अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय और हिंदू मूल के चार सांसद हैं लेकिन गेबार्ड को पहली हिंदू-अमेरिकी हाउस प्रतिनिधि के तौर पर बताया गया क्योंकि उनके अमेरिकी माता-पिता गौड़ीय वैष्णववाद का पालन करते हैं।
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