पटना। जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और उनके कुनबे के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। इस मामले में 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सहयोगी लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का बचाव किया।
मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें जो अच्छा लगे वो करो, हम क्या कर सकते हैं? उन्होंने कहा, “इस मामले में कुछ भी नहीं है” और सुझाव दिया कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया के पीछे पड़ी है, क्योंकि उनकी पार्टियां बीजेपी खिलाफ एकजुट हो गई हैं। नीतीश कुमार ने कहा, “5 साल पहले क्या हुआ था? हमने (राजद के साथ) रास्ते अलग कर लिए थे। कुछ नहीं हुआ (मामले में)। मैंने सब कुछ देखा है, वहां कुछ भी नहीं है। अब जब हम बीजेपी के साथ नहीं हैं, तो उन्होंने इसे फिर से शुरू कर दिया है।
दरअसल, केंद्रीय एजेंसी ने 18 मई को पति-पत्नी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा रेलवे में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इनमें से ज्यादातर जमानत पर हैं। लालू प्रसाद यादव पर पटना में नौकरी के इच्छुक परिवारों की 1 लाख वर्ग फुट से अधिक जमीन नौकरी के बदले उनके परिवार को हस्तांतरित करने का आरोप है। केंद्रीय एजेंसी ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में भूमि के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को एक प्राथमिकी में बदल दिया गया था।
पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन का मामला
एजेंसी के अनुसार, उम्मीदवारों को रेलवे अधिकारियों की तरफ से अनुचित हड़बड़ी में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर समूह डी पदों पर विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में व्यक्तियों ने स्वयं या उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी। एजेंसी का आरोप है कि यह हस्तांतरण राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर किया गया था।
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