मुंबई। जाने माने अभिनेता अरुण बाली का 7 अक्टूबर को मुंबई में निधन हो गया। 79 साल की उम्र में लंबी बीमारी के चलते उन्होंने अंतिम सांसे ली। आज ही उनकी आखिरी फिल्म ‘गुडबाय’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई है और आज ही वह इस दुनिया से गुडबाय कह गए।
23 दिसंबर 1942 को पाकिस्तान के लाहौर में जन्मे अरुण बाली ने अपने लंबे करियर में कई फिल्में और टीवी शोज किए। उन्होंने न केवल हिन्दी फिल्मों में काम किया बल्कि तेलुगू और पंजाबी फिल्मों में भी अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ थी। अरुण बाली ने अपने करियर में अधिकतर चरित्र भूमिका ही निभाई। उन्होंने बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारों के साथ काम किया और अलग-अलग किरदार में दर्शकों के दिलों पर लंबे समय तक राज किया।
परिवार के मुताबिक, वे न्यूरोमस्कुलर बीमारी से जूझ रहे थे। ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें नर्व्स और मसल्स के बीच बैरियर हो जाता है। इससे उन्हें बोलने में परेशानी होती थी। कुछ दिन पहले मुंबई के हीरानंदानी हॉस्पिटल में उन्हें एडमिट करवाया गया था। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। कई सेलेब्स और फैंस उनके लिए सोशल मीडिया पर शोक जाहिर कर रहे हैं।
अरुण बाली ने अपना टीवी डेब्यू साल 1989 में टीवी शो ‘दूसरा केवल’ किया था। इसी साल वह ‘फिर वही तलाश’ शो में भी नजर आए थे। पॉपुलर टीवी शो ‘नीम का पेड़’ में उनके किरदार को बेहद पसंद किया गया था। साल 1991 में सीरियल ‘चाणक्या’ में किंग पोरस की भूमिका अदा की थी। दूरदर्शन के बेहद ही पॉपुलर शो ‘स्वामिमान’ में उन्होंने कुंवर सिंह का किरदार निभाया था।
साल 2000 में उन्होंने कुमकुम सीरियल ऑफर हुआ। इस में उन्होंने हर्षवर्धन वाधवा की भूमिका निभाकर घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी. वो रहने वाली महलों की, आहट, शक्तिमान, मायका, देख भाई देख, और जय गणेश जैसे टीवी शोज में उन्होंने अहम किरदार निभाए।
अरुण ने टीवी के साथ-साथ कई फिल्मों में भी काम किया है, जैसे ‘राजू बन गया जेंटलमैन’, ‘खलनायक’, ‘फूल और अंगारे’, ‘आ गले लग जा’, ‘पुलिसवाला गुंडा’, ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’, ‘सत्या’, ‘हे राम’, ‘ओम जय’ जगदीश’, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘बर्फी’, ‘एयरलिफ्ट’, ‘रेडी’, ‘बागी 2’, 3 इडियट्स और ‘पानी’। वो आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में दिखाई दिए थे।
फिल्म रिलीज पर गुडबाय
कहते हैं न जिस चीज से आपको बेइंतहा मोहब्बत हो और उसी में आप अंतिम सांस तक जी पाए तो उससे बेहतर कुछ नहीं होता। बिल्कुल ऐसा ही अरुण बाली (Arun Bali) के साथ भी हुआ। उन्होंने आखिरी दिनों तक एक्टिंग की और बड़ी फिल्मों में नजर आए। उनके योगदान को सिनेमा में हमेशा हमेशा के लिए याद रखा जाएगा
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