नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को भारत की मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड की ओर से बनाए गए खांसी-जुकाम सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद WHO ने लोगों से इसका उपयोग न करने की सलाह दी है।
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा कि भारत के हरियाणा में बनी बच्चों की यह चारों दवाएं घातक केमिकलों से दूषित हैं और दोयम दर्जे की हैं। इन दवाओं की शिकायत सितंबर में की गई थी। जांच में पता चला है कि इन दवाइयों में सीमा से अधिक डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल हैं। यह दोनों ही रसायन मानव शरीर के लिए घातक हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं।
सभी चार सिरप – प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मकॉफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup)और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup) भारत में हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल द्वारा बनाए गए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को इन दवाओं को बाजार से हटाने की चेतावनी दी है। खुद भी इन देशों और संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति शृंखला पर नजर रखने की बात कही है। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
किडनी में जख्म होने के मामले आए सामने
गाम्बिया सरकार ने बताया कि पिछले हफ्ते पांच साल से भी कम उम्र के बच्चों में किडनी में गहरे जख्म होने के मामले सामने आने पर बच्चों की मौत की जांच की गई जिसमें इसका जिम्मेदार भारतीय कफ सिरप को माना गया है। किडनी की खराबी से बच्चों की मौत के मामले सबसे पहले जुलाई में सामने आए थे।
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