तिरुवनन्तपुरम। केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संभावित खतरे की चेतावनी के बाद केरल में आरएसएस के पांच नेताओं को वाई कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई है। खुफिया एजेंसियों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी गई जानकारी और सिफारिशों के आधार पर आरएसएस नेताओं को वाई कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई है।
पीएफआई (PFI) पर हालिया कार्रवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा बरामद किए गए दस्तावेज से संकेत मिले हैं कि आरएसएस के ये 5 नेता इस्लामिक संगठन के रडार पर थे। केंद्र सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में सुरक्षा और आतंकी संबंधों के खतरे का हवाला देते हुए पीएफआई और उसके सहयोगियों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की वीआईपी सुरक्षा यूनिट को आरएसएस के इन पांच नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है। वाई कैटेगरी के तहत हर नेता को दो से तीन सशस्त्र कमांडो सुरक्षा के लिए दिए जाएंगे।
पीएफआई और उसके सहयोगियों पर पांच साल के लिए लगा है प्रतिबंध
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात अधिसूचना में कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी गंभीर अपराधों में शामिल पाए गए हैं, जिनमें आतंकवाद, इसका वित्तपोषण, लक्षित भीषण हत्याएं, भारत के संवैधानिक ढांचे की अवहेलना, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना आदि शामिल हैं, जो भारत की अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं। केंद्र की ये कार्रवाई पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी तलाशी, उसके सौ से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं की गिरफ्तारी और कई दर्जन संपत्तियों की जब्ती के कुछ दिनों बाद हुई।
गृह मंत्रालय ने कहा कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कई उदाहरण हैं। 22 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नेतृत्व में कई एजेंसी टीमों ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में 15 राज्यों में पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए पीएफआई से जुड़े 19 मामलों की जांच कर रही है।
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