गाजियाबाद। गाजियाबाद में पिछले दिनों पालतू कुत्तों के काटने से जख्मी हुए बच्चों के मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान ले लिया है। आयोग ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त को नोटिस जारी कर 20 दिन के अंदर अब की गई कार्रवाई का विवरण तलब किया है।
शहर के रहने वाले विष्णु गुप्ता ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर जिले में बच्चों पर कुत्तों के हमले की जानकारी दी थी। उन्होंने इस संबंध में संजय नगर में पिटबुल नस्ल के कुत्ते द्वारा बच्चे को काटना, राजनगर एक्सटेंशन की चार्म्स कैंसिल सोसाइटी की लिफ्ट में बच्चे पर कुत्ते द्वारा हमला, जीटी रोड स्थित कीर्तन वाली गली में किशोर को कुत्ते के काटने और लोनी में पिटबुल नस्ल के कुत्ते द्वारा बच्ची का कान काटने के मामलों का जिक्र किया है।
विष्णु गुप्ता ने कहा है कि पालतू कुत्ते के काटने से जहां बच्चों को गहरे जख्म हुए हैं वहीं उसके इलाज में अभिभावकों को लाखों खर्च करने पड़े हैं। पालतू कुत्तों का पंजीकरण, वैक्सीनेशन, टीकाकरण के साथ घर से बाहर कुत्तों को निकालने पर उनके मुंह पर जालीदार मास्क लगाने, निराश्रित कुत्तों का बधियाकरण कराने, उनको शेल्टर होम में रखने के संबंध में नगर निगम द्वारा प्रभावी नीति बनाने, पीड़ित बच्चों का बेहतर इलाज कराने तथा उनको आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग याचिका में की गई है।
शिकायतकर्ता के पत्र पर अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रधान निजी सचिव धर्मेद्र भंडारी ने 26 सितंबर को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जिलधिकारी, एसएसपी और नगर आयुक्त को इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है। साथ ही इस पर 20 दिन में कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
इन बिंदुओं पर मांगे गए जवाब
आयोग ने अधिकारियों को चार बिंदुओं पर जवाब देने के लिए कहा है। जिनमें पहला तो चारों प्रकरण में अभिभावक द्वारा थाने में दर्ज कराए गए केस में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट, पीड़ित बच्चों के इलाज की व्यवस्था व आवश्यक वित्तीय सहायता के संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट, प्रकरण में संबंधित सुझावों व अन्य प्रभावी को पारित करते हुए उनकी रिपोर्ट, प्रकरण में अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी गई है।
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