गाजियाबाद। जिले में 22 सितंबर को हुई एक अधेड़ व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है। बुजुर्ग की हत्या 14 वर्षीय बेटी और उसके बॉयफ्रेंड ने की थी। मृतक ने किशोरी को गोद लिया था। उस समय वह सात दिन की थी।
कौशांबी थाना क्षेत्र के वैशाली सेक्टर-चार में 58 वर्षीय अनिल सक्सेना रहते थे। उनकी पत्नी पिंकी दिल्ली के मलेरिया विभाग में कार्यरत थीं। 22 सितंबर की शाम पिंकी जब फ्लैट पर पहुंची तो अनिल की लाश बेडरूम में पड़ी मिली। उनके हाथ-पैर पर रस्सी और टेप बंधी थी। रस्सी से गला घोंटा गया था। पिंकी ने इस मामले में 14 वर्षीय बेटी पर शक जाहिर किया था जो वारदात के बाद से गायब थी।
पुलिस ने CCTV कैमरे देखे तो पिंकी की बेटी एक संदिग्ध युवक के साथ जाती हुई दिखी। आखिरकार पुलिस ने 14 वर्षीय लड़की और उसके बॉयफ्रेंड को महाराष्ट्र के जलगांव से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने हत्या की बात स्वीकारी है। पकड़े गए बॉयफ्रेंड का नाम राहुल कपूर चंद है। 23 वर्षीय राहुल महाराष्ट्र में जलगांव जिले के ग्राम धानवाड़ का रहने वाला है।
पुलिस अधीक्षक द्वितीय ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दोनों की दोस्ती छह महीने पहले सोशल मीडिया पर हुई। इसके बाद फोन पर बात करते करते दोनों प्यार करने लगे। एक दिन दोनों वीडियो कॉलिंग पर बात कर रहे थे। तभी अनिल सक्सेना आ गए। उन्होंने बेटी की पिटाई कर दी। अनिल सक्सेना इस प्रेम सम्बन्ध के खिलाफ थे। उनकी बेटी ये बात अपने बॉयफ्रेंड को बताती थी। बॉयफ्रेंड राहुल उससे बार-बार कहता था कि तुझे गाजियाबाद आकर ले जाउंगा और फिर हम साथ ही रहेंगे
रस्सी से गला घोंटकर ली जान
किशोरी के कहने पर राहुल 22 सितम्बर को गाजियाबाद आ गया। दोनों फ्लैट में थे। अनिल किसी काम से बाहर गए थे। वे वापस आए तो उन्हें देखकर राहुल छुप गया लेकिन उन्होंने उसे देख लिया। इस पर वह सामने आ गया और दोनों ने मिलकर टेप से अनिल के हाथ-पांव और मुंह बांध दिए। इसके बाद रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी और दोनों वहां से भाग निकले। पिंकी के ड्यूटी से लौटने पर वारदात का पता चला था।
वारदात के बाद लड़की एक बैग में अपने कपड़े, माता-पिता के तीन ATM कार्ड लेकर अपने बॉयफ्रेंड संग घर से निकल गए। वे ऑटो से अक्षरधाम मंदिर दिल्ली पहुंचे। यहां से कैब लेकर आगरा पहुंचे और फिर वहां से बस से जलगांव महाराष्ट्र चले गए।
सात दिन की थी तब लिया था गोद
पुलिस की जांच में आया है कि मृतक ने बरेली से कानूनी तौर पर किशोरी को गोद लिया था। उस समय वह सात दिन की थी। करीब 14 साल से उसे बड़े लाड-प्यार से पाल रहे थे। उसका अच्छे स्कूल में दाखिला कराया था। वह इस समय सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसके भविष्य को लेकर तरह-तरह के सपने संजोए थे। उन्होंने यह सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस बच्ची को बुढ़ापे की लाठी समझकर पाल पोस कर बड़ा कर रहे हैं वही उन्हें मौत के घाट उतार देगी। इस वारदात ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।