बरेली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को आल हजरत से जुड़े बरेलवी उलेमा मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने हिदायत दी है। यह बात उन्होंने सपा के होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले कही हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने 27 सितंबर को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा, ‘सपा मुसलमानों के साथ खेल कर रही है। लेकिन अब सपा को मुसलमानों का अधिकार देना होगा।’ उन्होंने कहा कि एक तरफ सपा और उसके मुखिया मुसलमानों का हमदर्द होने का दिखावा करते हैं, तो वहीं, दूसरी तरफ कभी किसी मुसलमान को अध्यक्ष पद पर नहीं बिठाया। मौलाना ने कहा कि सपा की स्थापना 4 अक्टूबर 1992 को हुई। इसके बाद से लगातार इस पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव बने रहे। मुलायम सिंह के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद पर हैं। इस अधिवेशन में उनको दोबारा समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है।
शहाबुद्दीन रजवी ने कहा, एक तरफ सपा और अखिलेश यादव मुसलमानों का हमदर्द होने का दिखावा करते हैं और दूसरी तरफ मुसलमानों को हमेशा लॉलीपॉप दे कर खामोश कर देते हैं। उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी की जब-जब सरकार बनी है, मुसलमानों के वोट से बनी है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी 25 फीसद तक है।
मौलाना के आरोप लगाया कि, सपा मुखिया जिस बिरादरी से आते हैं, उस बिरादरी की वोट सिर्फ 7 फीसद है। इस हिसाब से मुसलमानों को ज्यादा तरजीह दी जानी चाहिए, लेकिन मुसलमानों को हमेशा बेवकूफ बनाया गया। इनके साथ धोखा और छलावा किया गया। कभी इनको इनका हक नहीं दिया गया। कहा कि सपा मुसलमानों की हितैषी है, तो उसे चाहिए कि किसी मुसलमान को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं। अगर, सपा अगर मुसलमानों को उनका हक और सम्मान नहीं देगी तो मुसलमान किसी दूसरे विकल्प की तलाश करने पर मजबूर हो जाएंगे। उसके लिए रास्ते खुले हुए हैं, वह कहीं भी जा सकता है।