दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट से आम आदमी पार्टी को एक मामले में बड़ा झटका मिला है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों और विवादित पोस्ट को हटाने के लिए आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को निर्देश दिया है।
एलजी द्वारा आबकारी नीति समेत कई मुद्दों पर सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल के बीच घमासान तेज हो गया था। आप विधायक दुर्गेश पाठक ने दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल पर 1400 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था। पाठक ने कहा था कि बतौर खादी ग्रामोद्योग आयोग अध्यक्ष रहते हुए उपराज्यपाल ने नोटबंदी के दौरान घोटाला किया था।
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट में आप और उसके प्रमुख नेताओं को भविष्य में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मानहानिकारक बयानबाजी के आरोप लगाने से रोकने का निर्देश देने का आग्रह किया था। एलजी ने आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सौरभ भारद्वाज और आतिशी समेत कई एन्टों के खिलाफ मानहानि का मुकदम दायर किया था। कोर्ट ने उसी मामले में आज अपना अंतरिम आदेश सुनाया है। कोर्ट ने इससे पहले 22 सितंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मानहानि का केस फाइल करने से पहले एलजी विनय कुमार सक्सेना ने AAP के नेताओं को नोटिस जारी कर सफाई मांगी थी लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इससे इनकार कर दिया था। जिसके बाद एलजी ने दिल्ली हाईकोर्ट में मामला दर्ज कराया।