दिल्ली। दक्षिण जिले की साइबर थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बरेली से चार लोगों को गिरफ्तार किया है जिनके खिलाफ नौकरी देने के बहाने फर्जी कॉल सेंटर के जरिये हजारों लोगों के साथ ठगी करने का आरोप है।
सीआर पार्क निवासी रिचा मिश्रा ने अपने साथ 2,76,072 रुपये की हुई ठगी की शिकायत साइबर थाना पुलिस अरुण कुमार वर्मा को दी थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि उसने शाइनडॉटकॉम पर आवेदन किया था। इसके बाद उसे तीन अलग-अलग नंबरों से फोन और हल्दीराम में मैनेजर की नौकरी लगवाने की बात कही। इसके बाद आरोपियों ने रजिस्ट्रेशन, सैलरी एकाउंट खुलवाने, अच्छा पद दिलवाने आदि का बहाना बनाकर रिचा से 2,76,072 रुपये अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवा लिए। आरोपियों ने पीड़ित युवती को हल्दीराम में मैनेजर के पद का नियुक्ति पत्र भेजा। जांच में नियुक्ति पत्र फर्जी पाया गया। मामला दर्जकर इंस्पेक्टर अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में एसआई संजय सिंह व हवलदार धर्मेंद्र की टीम ने जांच शुरू की।
पुलिस ने उन बैंक खातों की जांच शुरू की जिसमें पीड़ित युवती ने पैसा जमा करवाया था। आरोपियों के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया। जांच में पता लगा कि आरोपियों ने इन नंबर से काफी लोगों को फोन किया है और ये नंबर बरेली, यूपी में सक्रिय रहते हैं। एसआई संजय सिंह की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से बसंत विहार, मिनी बाईपास के पास बरेली में एक इमारत में छापा मारा। इस इमारत में पहली मंजिल पर कॉल सेंटर चल रहा था। पुलिस ने यहां से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
दक्षिण जिला डीसीपी चंदन चौधरी के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गांव दारापुर, रसीदाबाद तिबारियन तहसील कयामगंज, जिला फर्रुखाबाद यूपी निवासी प्रांशू उर्फ अंशुल (27), हिमांशु उर्फ विशाल (20), रोशन नगर गांव अगवानपुर, फरीदाबाद हरियाणा निवासी पंकज पांडेय उर्फ पांडेय (27) और बदरपुर, दिल्ली निवासी दीपक कुमार यादव (28) के रूप में हुई है।
बरामद सामान
आरोपियों के एक लैपटॉप से 25990 पीड़ितों को डाटा, पांच लैपटॉप, 23 कीपैड मोबाइल फोन, छह स्मार्ट फोन, विभिन्न बैंकों के सात क्रेडिट कार्ड, कई भाषाओं की किताबें, जालसाजी की जानकारी वाले 17 रजिस्टर्ड व 23 सिमकार्ड बरामद किए गए हैं।
आरोपी ऐसे करते थे ठगी
बेरोजगार युवक-युवतियां नौकरी के लिए शाइनडॉटकॉम में खुद को रजिस्टर्ड कराते हैं। आरोपी यहां से युवक-युवतियों का डाटा खरीद लेते थे। इसके बाद ये युवक-युवतियों को फोन करते थे। ये पीड़ित को बहुराष्ट्रीय कंपनियों में बड़े पद पर नौकरी लगवाने का झांसा देते थे। इसके बाद ये पीड़ित से रजिस्ट्रेशन कराने, सैलरी एकाउंट खोलने, ज्यादा सैलरी होने आदि का बहाना बनाकर मोटी रकम ऐंठ लेते थे।
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