नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का अब सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके मद्देनजर कोर्ट ने भी अपना प्लेटफार्म लान्च करने का फैसला लिया है। फिलहाल इसके लिए यूट्यूब का इस्तेमाल अस्थायी तौर पर किया जाएगा।
चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह बात उस समय कही जब भाजपा के पूर्व नेता के एन गोविंदाचार्य के वकील ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत की कार्यवाही का ‘कॉपीराइट’ यूट्यूब जैसे निजी मंच को नहीं सौंपा जा सकता है। वकील विराग गुप्ता ने पीठ को बताया, “यूट्यूब ने स्पष्ट रूप से वेबकास्ट के लिये कॉपीराइट की मांग की है।”
चीफ जस्टिस ने कहा, ‘ये शुरुआती चरण हैं। निश्चित तौर पर हमारा अपना प्लेटफार्म होगा हम इसका (कापीराइट मामले) ध्यान रखेंगे।’ इसके बाद उन्होंने गोविंदाचार्य की अंतरिम याचिका को सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर को सूचीबद्ध कर दिया।
सीजेआई की अध्यक्षता में हाल ही में शीर्ष कोर्ट की पूर्ण पीठ की बैठक में 27 सितंबर से संविधान पीठ की सुनवाई के सीधे प्रसारण का फैसला किया गया है। 2018 में इससे संबंधित ऐतिहासिक फैसले के करीब चार साल इसकी शुरुआत हो रही है।
लोग बिना किसी परेशानी के अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर पर शीर्ष अदालत की कार्यवाही देख-सुन सकेंगे। इसके बाद 26 अगस्त को पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने एक वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया था। यह एक औपचारिक कार्यवाही थी क्योंकि उस दिन न्यायमूर्ति रमण के कार्यकाल का अंतिम दिन था।
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