भारतीय क्रिकेट के लिए 24 सितंबर बेहद खास है। आज से ठीक 15 साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका में इतिहास रचा था। युवा टीम इंडिया तब फाइनल में पाकिस्तान को हराकर पहली बार आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम करने में सफल रही थी।
2007 में पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया था और उस टूर्नामेंट में भारतीय टीम से किसी ने भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। उसी वर्ल्ड कप के दौरान पहली बार महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम की कमान सौंपी गई थी, जिसके बाद धोनी दुनिया के सबसे सफल कप्तान बन कर उभरे। धोनी ने पूरे वर्ल्ड कप में कई अजीब फैसले लिए, जिसने दुनियाभर के क्रिकेट एक्सपर्ट्स को चौंका कर रख दिया था।
गौतम गंभीर ने खेली 75 रन की पारी
भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय करने में मेजबान दक्षिण अफ्रीका सहित वनडे वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को भी मात दी थी। खिताबी मुकाबले धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। भारत ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बनाए। भारत की ओर से गौतम गंभीर ने सबसे अधिक 75 रन की पारी खेली।
जोगिंदर शर्मा की गेंद पर गच्चा खा गए मिस्बाह उल हक
158 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने पहले ओवर में ही मोहम्मद हफीज का विकेट गंवा दिया। एक समय पाकिस्तान ने 104 रन पर अपने सात विकेट गंवा दिए थे। उसके बाद 4 ओवर बचे थे हालांकि एक छोर पर मिस्मबाह उल हक डटे हुए थे।पाकिस्तान की जीत की उम्मीद मिस्बाह पर टिकी हुई थी। मिस्बाह ने 17वें ओवर में हरभजन सिंह की गेंदों पर तीन छक्के जड़ दिए।
इसके बाद दूसरे छोर से सोहेल तनवीर ने भी एस श्रीसंत की गेंदों पर दो छक्के मारे। पाकिस्तान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रन की दरकार थी जबकि उसके 9 विकेट गिर चुके थे। धोनी ने आखिरी ओवर में गेंद जोगिंदर शर्मा को थमाई। मिडियन पेसर जोगिंदर के ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का जड़ दिया। अब पाकिस्तान को 4 गेंद पर 6 रन की जरूरत थी। जोगिंदर ने अगली गेंद ऐसी फेंकी जिसपर मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो सके। मिस्बाह के इस कैच को बाउंड्री के नजदीक श्रीसंत ने लपक लिया और भारतीय टीम 5 रन से पाकिस्तान को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बन गई।
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