नोएडा। सिंगल मदर होना किसी भी महिला के लिए ढेर सारी चुनौतियां लेकर आता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाली इस महिला ने अपनी सारी जिम्मेदरियों को बखूबी संभाला है।
नोएडा सेक्टर 62 से लेकर नोएडा सेक्टर 59 के बीच चंचल ई-रिक्शा ड्राइव करती हैं। चंचल अपने पति से अलग हो चुकी हैं और एक कमरे में अपनी मां के साथ रहती हैं। चंचल ने अपने बच्चे के जन्म के महज ढाई महीने बाद ही चंचल ने नौकरी तलाशना शुरू कर दिया थालेकिन फिर अपने बेटे को कहीं छोड़ने की व्यवस्था न बन पाने पर महिला को ई-रिक्शा खरीदना पड़ा। इस तरह से महिला अपने बेटे को अपने साथ ही रख सकती थी। चंचल की दिन की शुरुआत सुबह साढ़े छह बजे हो जाती है।
इसके बाद वह दोपहर के समय घर लौटती हैं और फिर बच्चे को स्नान कराने के बाद उसे खाना खिलाती हैं। ई-रिक्शा चलाते समय बच्चे की भूख दूर करने के लिए वह अपने पास दूध का बोतल भी रखती हैं। चंचल सेक्टर 62 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल और सेक्टर 59 में लेबर चौक के बीच अपना ई-रिक्शा चलाती हैं। करीब 6.5 किलोमीटर के बीच उनकी ई-रिक्शा दौड़ती रहती है।
चंचल का कहना है, ‘मेरे ई-रिक्शा में बैठने वाली यात्री इस बात की प्रशंसा करते हैं कि मैं चीजों को खुद संभाल रही हूं। मेरी रिक्शा में महिलाएं भी बैठती हैं।’ चंचला कहती हैं कि बेटे अंकुश को मैं घर पर नहीं छोड़ सकती। मेरी मां एक ठेले पर प्याज बेचती हैं। मेरा भाई शायद ही घर पर होता है। इसलिए, जब मैं गाड़ी चलाती हूं तो मुझे अपने बेटे को साथ ले जाना पड़ता है।
चंचल की तीन बहनें हैं, वे शादीशुदा हैं और अपने परिवार के साथ दूर रहती हैं। चंचल अपने बेटे को अच्छी शिक्षा देना चाहती हैं। वह नहीं चाहतीं कि उनके बेटे को भी उन्हीं तरह का जीवन नसीब हो।
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