जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार पूर्व विधायकों की विदेश यात्रा का सरकारी खर्च उठाएगी। इसके लिए सरकार कानून में बदलाव करने जा रही है। पूर्व विधायकों की विदेश यात्रा के किराए का खर्च उठाने का नियमों में प्रावधान करने के लिए विधानसभा में बिल आज पेश किया गया है।
राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों,सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन) अधिनियम,1956 की धारा 4-घ में एक नई उपधारा 2 जोड़ने के लिए बिल सदन में रखा गया है। माना जा रहा है कि बिल को इसी सप्ताह विधानसभा में पारित करवा दिया जाएगा। राजस्थान के कांग्रेस एवं बीजेपी समेत अन्य दलों के पूर्व विधायक संघ लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। पूर्व विधायक संघ की मांग के बाद गहलोत सरकार अब बिल लेकर आई है। विधायकों की तर्ज पर पूर्व विधायकों को भी अब सरकारी खर्चे पर विदेश यात्रा की सुविधा मिल सकेगी।
सरकार ने लगाई शर्त
17 सितंबर को संबंधित संशोधन का कैबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए अनुमोदन कर दिया था। अब विधानसभा की कार्यवाही में संशोधन अनुमोदन होगा। हालांकि, सरकार ने इसके लिए शर्त भी लगाई है। विदेश यात्रा के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमोदन होना जरूरी है। स्पीकर की अनुमति के बिना सरकार पूर्व विधायकों की यात्रा का खर्च नहीं उठाएगी। आज 15वीं राजस्थान विधान सभा के सप्तम सत्र की बैठक शुरू होते ही सरकार ने बिल सदन के पटल पर रखा।
आपको बता दें विधायकों को वेतन भत्ते दिए जाने के मामले में राजस्थान कई राज्यों से आगे हैं। हरियाणा, गोवा, पंजाब, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, गुजरात, उडि़या, मेघालय जैसे राज्यों के मुकाबले राजस्थान के विधायकों को ज्यादा वेतन-भत्ते मिलते हैं। वहीं तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधायकों के वेतन-भत्ते राजस्थान से ज्यादा है।
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