गाजियाबाद: सिर तन से जुदा करने वाली धमकी निकली फर्जी, डॉक्टर के समर्थन में आए यति नरसिंहानंद

गाजियाबाद। गाजियाबाद के डॉक्टर अरविंद वत्स को ‘सिर तन से जुदा’ करने की धमकी नहीं मिली थी। पुलिस का दावा है कि उसने सुर्खियां बंटोरने के लिए झूठी कहानी खुद बनाई थी। वहीं इस खुलासे पर डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने सवाल उठाए हैं। यति ने कहा कि अगर डॉक्टर की हत्या हुई तो सिर्फ और सिर्फ गाजियाबाद के एसपी सिटी जिम्मेदार होंगे।

सिहानी गेट थाना क्षेत्र में अंबेडकर कॉलोनी निवासी डॉक्टर अरविंद वत्स अकेला लोहियानगर के पास सीताराम हृदयनाथ चिकित्सालय का संचालन करते हैं। 11 सितंबर को उन्होंने एक FIR दर्ज कराई। डॉक्टर ने बताया था कि कॉल करने वाले ने उन्हें धमकी दी कि तुम्हारा सिर तन से जुदा कर दिया जाएगा। हमने तुम्हारे घर की रेकी भी कर ली है और हमें पता है कि तुम कब, कहां जाते हो और किससे मिलते हो। तुम्हारा हाल भी कन्हैया लाल और उमेश कोल्हे जैसा होगा। डॉक्टर अरविंद के मुताबिक धमकी देने वाले ने उन्हें वॉट्सऐप पर तीन फोटो भेजे थे, जिसमें घुटने के नीचे का पैर कटा हुआ था।

पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि दिल्ली के मालवीय नगर का अनीश कुमार है जो मूलरूप से बिहार के छपरा का निवासी है। उसकी डॉ. वत्स के क्लीनिक पर काम करने वाले करण से पहले से जान-पहचान थी। करण के कहने पर ही वह 27 अगस्त को डॉक्टर अकेला के पास आया था। उसे सांस लेने में तकलीफ थी और पैरों में सूजन थी। डॉ. वत्स से दवा लेकर वह चला गया।

एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि दो सितंबर को अनीश ने फोन करके डॉ. वत्स से कहा कि उसकी दवा लेने के बाद पैरों में सूजन बढ़ गई है और सांस लेने में भी पहले से ज्यादा दिक्कत हो रही है। अनीश से बातचीत के बाद डॉक्टर ने कहा था कि वह उसे व्हाट्सएप से अपने सूजे हुए पैर के फोटो भी भेज दे ताकि उसे पता चल सके कि सूजन कितनी है? अनीश ने ये फोटो भेज दिए। जिसके बाद डॉक्टर ने नौ सितंबर को जो एफआईआर दर्ज कराई, उसमें यह भी लिखवाया कि धमकी के साथ कटे हुए अंगों के फोटो भेजे गए हैं। साइबर सेल ने व्हाट्स एप नंबर के जरिए ही अनीश का पता लगाया। उसे बुलाकर पूछताछ की तो पूरा खुलासा हो गया। अनीश ने कंप्यूटर में सी प्लस कोर्स कर रखा है। वह कंप्यूटर और इंटरनेट का अच्छा जानकार है। बातचीत के लिए इंटरनेट कॉलिंग का ही ज्यादा इस्तेमाल करता है।

एसपी सिटी ने बताया, डॉक्टर को जिस वर्चुअल नंबर से कॉल आई थी, वो नंबर अनीश कुमार ने इंटरनेट से जेनरेट किया था। इंटरनेट कॉलिंग में देश का कोड अमेरिका का आया। इसी को देखकर डॉक्टर ने सोच लिया कि वह झूठी कहानी बनाएगा तो लोग यकीन कर लेंगे और समझेंगे कि धमकी भरी कॉल अमेरिका से ही आई है। एसपी सिटी का दावा है कि डॉक्टर ने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए सूजे हुए फोटो को कटा हुआ बता दिया और मरीज के नंबर को थ्रेट कॉल बताते हुए खबर फैला दी। इसलिए अब डॉक्टर अरविंद के विरुद्ध झूठी सूचना देने के आरोप में कार्रवाई की जा रही है।

डॉक्टर की हत्या हुई तो एसपी जिम्मेदार
डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने भी डॉक्टर अकेला का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ”ये बात बड़ी नहीं है कि जिसने धमकी दी है, वो डॉक्टर का पूर्व परिचित है। परिचित लोग कई बार हत्या तक कर देते हैं। बीजेपी नेता डॉक्टर बीएस तोमर का कत्ल भी पुलिस की लापरवाही से हुआ था। इसलिए मैं एसपी सिटी से अनुरोध करता हूं कि वो मामले की गहनता से जांच करें। अगर डॉक्टर अकेला की हत्या हुई तो एसपी सिटी जिम्मेदार होंगे।”

मुझ पर झूठे आरोप न लगाएं
पुलिस के खुलासे के बाद रविवार रात डॉक्टर अरविंद वत्स ने वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि मां भगवती, मां पार्वती, भोलेशंकर की सौगंध खाकर मैं एकदम सच बोल रहा हूं। आज मुझ पर एसपी सिटी ने जो आरोप लगाए हैं, वो पूरी तरह निराधार हैं। पुलिस ने जिस व्यक्ति को उठाया है, उससे मेरा कोई ताल्लुकात नहीं है। ये व्यक्ति सिर्फ पांच मिनट के लिए मेरे दोस्त के यहां मिला जरूर था। इसके अलावा मैं इसको नहीं जानता हूं। इसके फोन से जो कन्वर्सेशन हुई है, मैं पुलिस को मुहैया करा चुका हूं। अगर ये मेरा जानकार भी है तो ये मेरी हत्या करना चाहता था। ये मेरा जानकार नहीं, मेरा दुश्मन हो सकता है। अगर मेरी गलती कहीं से निकले तो ये पुलिसवाले हमें जेल न भेजें, फांसी दे दें। मुझे मंजूर है, लेकिन मुझ पर झूठा आरोप न मढ़ें।

Exit mobile version