सुब्रमण्यम स्वामी छह सप्ताह के भीतर सरकारी आवास खाली करें, दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश

नई दिल्ली। भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी को दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी आवास खाली करने के लिए 6 सप्ताह का वक्त दिया है। स्वामी को यह आवास 2016 में सुरक्षा के खतरे के इनपुट के आधार पर दिया गया था। अब सरकार का कहना है कि वह उन लोगों को आवास देने के लिए उत्तरदायी नहीं है, जिनके सिक्योरिटी कवर को कुछ और वक्त के लिए बढ़ाया गया है।

केंद्र सरकार के वकील का पक्ष सुनने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि स्वामी ने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है, जिससे यह पता चले कि उन्हें क्यों सरकारी आवास की जरूरत है। सुब्रमण्यन स्वामी को जेड सिक्योरिटी कवर दिया गया है। सुब्रमण्यन स्वामी को 15 जनवरी, 2016 को सरकारी आवास आवंटित किया गया था। इसके लिए 5 साल की अवधि समाप्त हो गई थी और उसके बाद स्वामी ने इसके टाइम को बढ़ाने की मांग की थी।

इस पर केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि वह अब आवास मुहैया नहीं कराएगी। होम मिनिस्ट्री की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने अदालत को बताया कि सरकार आवास का टाइम नहीं बढ़ाना चाहती। स्वामी को जो सुरक्षा मुहैया कराई गई है। वह अब उनके निजामुद्दीन ईस्ट स्थित आवास पर दी जाएगी।

सुब्रमण्यन स्वामी का राज्यसभा कार्यकाल भी 24 अप्रैल, 2022 को समाप्त हो गया था। वह उच्च सदन के सदस्य थे, इसलिए वह सरकारी घर के आवंटन की सीमा समाप्त होने के बाद भी उसमें रह रहे थे, लेकिन अब सरकार टाइम बढ़ाने के मूड में नहीं है। जैन ने बताया कि सार्वजनिक परिसर अधिनियम के तहत आवास में स्वामी के निवास को अधिकृत करार दिया गया है।

इसके बाद भी उनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया गया क्योंकि उनकी याचिका हाई कोर्ट में लंबित थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों और दिल्ली हाई कोर्ट के जजों को आवास की जरूरत है। इस पर अदालत ने आदेश दिया कि सुब्रमण्यन स्वामी को अगले 6 सप्ताह के अंदर आवास को खाली करना होगा।

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