एशिया कप में आखिरी ओवर तक चले मुकाबले में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को एक विकेट से मात दी। मैच खत्म होते-होते अफगान और पाकिस्तानी क्रिकेट फैन्स लड़ बैठे। स्टेडियम में ही फैन्स का कुर्सी तोड़ना शुरू हो गया था। स्टेडियम के बाहर पाकिस्तानी फैन्स ने अफगान फैन्स पर हमला किया। जवाब में अफगानी फैन्स ने पाकिस्तानी क्रिकेट फैन्स को खूब पीटा। मैच के दौरान पाकिस्तानी बैटर आसिफ और अफगानी बॉलर फरीद के बीच भी तीखी नोंकझोंक हुई थी।
पाकिस्तान का आखिरी विकेट क्रीज पर मौजूद था और नसीम शाह स्ट्राइक पर थे। 6 गेंदों पर 12 रन चाहिए था। पूरे टूर्नामेंट में शानदार बॉलिंग कर रहे फजल्लाह फारुकी के हाथ में गेंद थी। लग रहा था कि पाकिस्तान की हार तय है। लेकिन, फारुकी ने लगातार 2 गेंदें फुलटॉस फेंकी और नसीम ने दोनों गेंदों पर सिक्स लगाकर पाकिस्तान को जीत दिला दी। इस दौरान नॉन स्ट्राइकर एंड पर जा रहे आसिफ और फॉलो थ्रू में जा रहे फरीद टकरा गए। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को कुछ कहा और आसिफ ने फरीद को मारने के लिए बल्ला उठा लिया। दोनों टीमों के प्लेयर्स को बीचबचाव करने आना पड़ा। इस मैच में अफगानिस्तान ने 20 ओवर में छह विकेट खोकर 129 रन बनाए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने नौ विकेट पर 131 रन बनाकर चार गेंद रहते मुकाबला जीत लिया।
मैच खत्म होने के बाद भिड़े दर्शक
पाकिस्तान की जीत के बाद टीम के समर्थकों ने स्टेडियम में जमकर जश्न मनाना शुरू कर दिया। अफगानिस्तान के कुछ दर्शकों को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने स्टेडियम की कुर्सियां निकालकर पाकिस्तानी दर्शकों पर फेंकनी शुरू कर दीं। इसके बाद विवाद बढ़ता गया और सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया गया कि अफगानी समर्थकों ने शारजाह की गलियों में पाकिस्तानी फैंस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के फैंस के बीच मारपीट के वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग दो गुट में बंट गए हैं। पाकिस्तान के एक पत्रकार ने घटना के वीडियो शेयर कर शारजाह पुलिस से जांच और उन लोगों की पहचान करने की मांग की है, जो वीडियो में पाकिस्तानी फैंस को पीटते हुए दिख रहे हैं।
वहीं पाकिस्तान में उत्तरी वजीरिस्तान से नेशनल असेंबली के सदस्य मोहसिन डावर ने ट्वीट किया, “अफगानों के खिलाफ नस्लवादी गाली देने के बहाने के रूप में क्रिकेट मैच का इस्तेमाल करना सबसे बड़ी बेशर्मी है। पाकिस्तान की दशकों पुरानी रणनीतिक गहराई नीति और अफगानिस्तान में हस्तक्षेप करने वाले दुस्साहस के कारण अफगानों को पाकिस्तान के साथ समस्या है। अफगानों को गाली देने से पहले आत्मनिरीक्षण करें।” डावर विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष भी हैं।
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