दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने देश के सबसे बड़ा कार चोर अनिल चौहान को पकड़ा है। अनिल पर 27 साल में 5000 कारें चुराने का आरोप है। अनिल पर हत्या ,आर्म्स एक्ट और तस्करी के मामले भी दर्ज हैं।
इंस्पेक्टर संदीप गोदारा के नेतृत्व में एक टीम ने मध्य दिल्ली में हाई-एंड एसयूवी और सेडान की चोरी की जांच की और चौहान पर शक किया। एक अधिकारी ने कहा कि, “उसकी तलाश के लिए टीमों को असम, सिक्किम, नेपाल और एनसीआर भेजा गया था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि अनिल चौहान मध्य दिल्ली में डीबीजी रोड पुलिस स्टेशन के इलाके में मौजूद है। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ पुलिस ने उसे 23 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
डीसीपी श्वेता चौहान के मुताबिक, 1990 में वो दिल्ली के खानपुर इलाके में रहता था और ऑटो रिक्शा चलाता था, फिर वो अपराध की दुनिया मे आया तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हाल के दिनों में अनिल चौहान हथियारों की तस्करी, गैंडे के सींगो की तस्करी कर रहा था। चौहान की तीन पत्नियां और सात बच्चे थे, जो ईडी की छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद उसे छोड़कर चले गए थे। पुलिस ने कहा कि दो पत्नियों ने दावा किया कि उन्हें चौहान की आपराधिक गतिविधियों के बारे में पता नहीं था और उन्हें लगा कि वह एक कार डीलर है।
श्वेता चौहान, डीसीपी (मध्य) ने कहा, “अनिल चौहान को आखिरी बार जनवरी में असम के दिसपुर में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानत पर छूट गया था। इस बार हम उसकी रैप शीट कोर्ट में पेश कर रहे हैं, ताकि वह जल्दी बाहर न आए।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अनिल चौहान के पिता आर्मी में लेटफ्टिनेंट देशराज चौहान थे। अनिल ने फिलहाल असम के तेजपुर में अपना ठिकाना बनाया हुआ था। उसने 90 के दशक में कार चोरी शुरू की थी, सबसे ज्यादा (मारुति 800) कारें अनिल ने ही चोरी की थी। अनिल चौहान कारें चोरी कर जम्मू-कश्मीर, नेपाल और उत्तर पूर्व के राज्यों में बेचा करता था वो भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर। इससे पहले अनिल चौहान को दिल्ली पुलिस के अलावा उत्तर पूर्वी राज्यों की पुलिस अलग-अलग मामलों में पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। अनिल चौहान ने कार चोरी के धंधे से बेहिसाब दौलत कमाई है। उसकी संपत्तियां दिल्ली, मुंबई और उत्तर पूर्वी राज्यों में है। उसके खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
अनिल चौहान असम सरकार में पहले ए क्लास कॉन्ट्रैक्टर था। बाद में ईडी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी सारी संपत्ति जब्त कर ली थी। इसके बाद उसकी संपत्ति की नीलामी कर दी गई थी।